वैशाली जिले में शराबबंदी को लागू करने वाली टीम ही नियम तोड़ती पाई गई। महुआ थाना क्षेत्र से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. वैशाली के एसपी हर किशोर राय को शिकायत मिली थी कि ALTF-03 की टीम शराब जब्त करने के बाद कुछ बोतलें खुद के इस्तेमाल के लिए रखती है और बाकी को बेचती है।
पटना: बिहार में जहां सरकार शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने का दावा करती है. वहीं वैशाली जिले में शराबबंदी को लागू करने वाली टीम ही नियम तोड़ती पाई गई। महुआ थाना क्षेत्र से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एंटी लिकर टास्क फोर्स (ALTF-03) की टीम पर जब्त शराब को खुद रखने और बेचने का आरोप लगा है।
वैशाली के एसपी हर किशोर राय को शिकायत मिली थी कि ALTF-03 की टीम शराब जब्त करने के बाद कुछ बोतलें खुद के इस्तेमाल के लिए रखती है और बाकी को बेचती है। शिकायत की पुष्टि के लिए एसपी ने जांच कराई और छापेमारी का आदेश दिया। इसके बाद महुआ थाना पुलिस ने टीम के आवास पर छापेमारी की और 7 पुलिसकर्मियों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
छापेमारी के दौरान ALTF-03 के दरोगा निसार अहमद और उनकी टीम के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 32.05 लीटर देसी शराब और 500 एमएल की विदेशी शराब की बोतल बरामद की गई। गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में मुकेश कुमार, प्रिया रानी, महेश राय, रामप्रवेश सिंह, मंतोष कुमार और रत्नेश कुमार शामिल हैं।
महुआ पुलिस ने गिरफ्तार पुलिसकर्मियों के खिलाफ शराब तस्करी से संबंधित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। आरोप है कि ये पुलिसकर्मी न केवल जब्त शराब का इस्तेमाल खुद करते थे बल्कि उसे बेचकर अवैध लाभ भी कमा रहे थे। पुलिस ने कहा है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि कानून व्यवस्था में किसी भी तरह की गिरावट न हो। इस घटना ने बिहार में शराबबंदी की सख्ती और पुलिसकर्मियों की ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल, सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है।
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