नई दिल्ली। इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह चीफ के मारे जाने का असर न सिर्फ दुनिया के अन्य मुस्लिम देशों पर पड़ा बल्कि भारत में भी इसे लेकर जबरदस्त माहौल बना। कश्मीर से लेकर यूपी तक लोग सड़क पर उतर आये और बवाल काट दिया। सीएम योगी की सख्ती के बाद भी यूपी के कई शहरों में […]
नई दिल्ली। इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह चीफ के मारे जाने का असर न सिर्फ दुनिया के अन्य मुस्लिम देशों पर पड़ा बल्कि भारत में भी इसे लेकर जबरदस्त माहौल बना। कश्मीर से लेकर यूपी तक लोग सड़क पर उतर आये और बवाल काट दिया। सीएम योगी की सख्ती के बाद भी यूपी के कई शहरों में हजारों की संख्या में मुस्लिम सड़क पर उतरे और इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन किया।
इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने मुस्लिम समुदाय को ट्रोल करना शुरू कर दिया। उन्हें यह कहा गया कि इन लोगों के लिए सबसे ज्यादा मजहब जरूरी है। इनका इजरायल और ईरान से कोई लेना देना नहीं है लेकिन नरसल्लाह के मुस्लिम होने की वजह से ये समर्थन में उतर आये हैं। बांग्लादेश में जब हिन्दुओं के साथ कत्लेआम हुआ तो एक भी हिन्दू सड़क पर नहीं उतरा।
कुछ लोगों ने तो ये तक कह दिया कि अगर किसी दिन इजरायल और इंडिया के बीच युद्ध हुआ तो इस देश के हिन्दू भारत के साथ खड़े रहेंगे लेकिन अगर भारत का किसी मुस्लिम देश से युद्ध हुआ तो भारत के मुसलमान अपने मजहब को चुनते हुए उनके साथ खड़े हो जायेंगे। हालांकि इन दावों में ज्यादा सच्चाई नहीं है क्योंकि जब-जब भारत का युद्ध हुआ है। चाहे वो पाकिस्तान के साथ हो वो चीन के साथ भारत के मुसलमानों ने मजबूती से देश का साथ दिया है।