नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने ममता सरकार को चेतावनी दी है. बता दें कि आरजी कर मामले में न्याय और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव की मांग को लेकर डॉक्टरों का पिछले दो महीनों से आंदोलन चल रहा है. वहीं 6 जूनियर डॉक्टर अनशन करते हुए बीमार पड़ चुके हैं. इसके साथ ही अस्पताल में 5 डॉक्टर भर्ती हैं. अब आंदोलन का अगला कदम क्या होना चाहिए. ये तय करने के लिए जूनियर डॉक्टरों ने सीनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की है.
मीडिया से बातचीत के दौरान भूख हड़ताल कर रहे एक जूनियर डॉक्टर देबाशीष हलदर ने बताया हम चाहते हैं कि सीएम ममता बनर्जी चर्चा के लिए समय निकालें और डॉक्टरों से बात करें. इसके अलावा डॉक्टरों की जो मांगे हैं. वह उन्हें जल्द पूरा करें. अगर ममता सरकार ऐसा नहीं करेगी तो मंगलवार को सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों के डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे.
डॉक्टरों की मांग है कि राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना होना चाहिए. एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली की शुरुआत, कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम के लिए आवश्यक टास्क फोर्स का गठन होना चाहिए. इसके अलावा अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा और महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने की मांग है. वहीं डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के खाली पदों को जल्द भरने की मांग है. बता दें डॉक्टरों की भूख हड़ताल की शुरुआत पांच अक्टूबर से हुई है.
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