धर्मांतरण पर रोक नहीं लगाई गई तो देश की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट

Allahabad high court:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की और कहा कि जिस तेजी से धर्मान्तरण हो रहा है .अगर ये जारी रहा तो आने वाले समय में देश की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक में तब्दील हो जाएगी .आगे कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एससी और एसटी इसके अलावा आर्थिक रूप से […]

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धर्मांतरण पर रोक नहीं लगाई गई तो देश की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट

Mr. Mohit Patir

  • July 2, 2024 11:59 am Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

Allahabad high court:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की और कहा कि जिस तेजी से धर्मान्तरण हो रहा है .अगर ये जारी रहा तो आने वाले समय में देश की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक में तब्दील हो जाएगी .आगे कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एससी और एसटी इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को ईसाई धर्म में अवैध धर्मांतरण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के अंतर्गत हमीरपुर के मौदहा निवासी आरोपी कैलाश की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की.

क्या है पूरा मामला जानें

हमीरपुर के थाना मौदहा के निवासी आरोपी कैलाश पर अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. कैलाश रामकली प्रजापति के भाई रामफल को हमीरपुर से दिल्ली में सामाजिक समारोह और कल्याण समारोह में शामिल होने के लिए ले गया था .एफआईआर के मुताबिक गांव के अन्य लोगों को  भी समारोह में ले जाकर उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया है. 

अनुच्छेद -25 लालच देकर धर्मांतरण की इजाजत नहीं देता  

कोर्ट ने कहा, संविधान का अनुच्छेद 25 किसी को भी स्वेच्छा से धर्म चुनने की आजादी देता है.परंतु लालच देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराने की इजाजत नहीं देता.अनुच्छेद 25 आपको अपने धर्म की प्रचार करने का स्वंतत्रता देता है.लेकिन धर्म प्रचार की स्वतंत्रता किसी को धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं देता है.

जबरदस्ती बनाया जा रहा है ईसाई

दिल्ली के इस समारोह में गांव के बहुत से लोगों को ले जाया गया और बाद में सभी को लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया. बता दें कि रामकली और उसका भाई मानसिक रूप से बीमार चल रहा था.इस मामले में गिरफ्तारी के बाद कैलाश के वकील  ने दलील  देते हुए कहा कि आवेदक ने शिकायतकर्ता के भाई का धर्मांतरण नहीं किया था .वहीं इस कार्यक्रम का आयोजन  पादरी सोनू ने किया था. और उसी ने गांव के सभी लोगों का धर्म परिवर्तन कराया. उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था .राज्य सरकार के अतिरिक्त  वकील ने दलील देते हुए कहा कि ऐसी सभाओं का आयोजन करके बड़े पैमाने पर लोगों को ईसाई धर्म में परिर्वतन किया जा रहा है.कैलाश गांव से लोगों को ले जाकर ईसाई धर्म में परिवर्तित कराने में शामिल रहा है. इसके बदले कैलाश को बहुत पैसा दिया गया था।

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