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‘मेरा एक ही मकसद है और वो है असदुद्दीन ओवैसी को यहां से उखाड़ फेंकना’, माधवी लता का ओवैसी पर हमला

नई दिल्ली: हैदराबाद देश की कुछ ऐसी हॅाट सीटों में से एक सीट हैं, जहां पर हो रहा लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प है। हैदराबाद में एक तरफ चार बार के सांसद असदुद्दीन ओवैसी मैदान में हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा की माधवी लता। बीजेपी ने हैदराबाद से माधवी लता को टिकट देकर सभी को हैरान […]

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‘मेरा एक ही मकसद है और वो है असदुद्दीन ओवैसी को यहां से उखाड़ फेंकना’, माधवी लता का ओवैसी पर हमला
  • April 29, 2024 9:24 am Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

नई दिल्ली: हैदराबाद देश की कुछ ऐसी हॅाट सीटों में से एक सीट हैं, जहां पर हो रहा लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प है। हैदराबाद में एक तरफ चार बार के सांसद असदुद्दीन ओवैसी मैदान में हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा की माधवी लता। बीजेपी ने हैदराबाद से माधवी लता को टिकट देकर सभी को हैरान कर दिया था।

माधवी लता ने हाल ही दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनका सिर्फ एक ही लक्ष्य है और वो है- असदुद्दीन ओवैसी को यहां से उखाड़ फेंकना और उनकी पतंग को काटना। उनकी कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें वह काल्पनिक तौर पर पतंग काटते हुए दिखाई दे रही है।

madhavi latha

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ओवैसी की पतंग काटना हमारा मकसद – माधवी लता

जब एक इंटरव्यू में माधवी लता से प्रधानमंत्री मोदी के 30 अप्रैल को होने वाले हैदराबाद दौरे पर सवाल पूछा गया कि उसकी तैयारियों कैसी चल रही है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मोदी जी हमारे पिता के बराबर है। हम लोग उनकी इजाजत से ही आगे बढ़ रहे हैं। फिलहाल हमारे दिमाग में बस एक ही मुद्दा घूम रहा है और वह है- असदुद्दीन ओवैसी को यहां से उखाड़ फेंकना, उनकी पतंग काटना और उसे फाड़ने का।

उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम औरतों, पसमांदा, दलितों के हित के लिए काम करें। इसके अलावा प्रधानमंत्री आ रहे हैं, तो हमें जो कुछ भी बोलना होगा या बात करनी होगी, वो हम कर लेंगे।

गरीबो का गलत फायदा उठाया गया – माधवी लता

माधवी लता ने कहा कि हैदराबाद में सामाज की सेवा करते हुए हमने गरीबी के साथ-साथ और भी बहुत सी चीजें देखी है। जिन्होंने यहां 40 साल राज किया है, उन्होंने केवल गरीबों का फायदा ही उठाया है। यहां का सबसे बड़ा विषय लोगों को भड़काने का है और उन्हें गलत दिशा में प्रेरित करने का है। भले ही यहां धर्म की बात की गई है, लेकिन धर्म वालों ने कोई भी विकास का कार्य नहीं किया। इनसे तो खुद पसमांदा मुस्लिम भी खुश नहीं हैं।

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