'बहुत इच्छा थी…' मुस्लिम लड़की ने मंदिर में लिए सात फेरे, बताया क्यों अपनाया सनातन धर्म

नई दिल्ली: बरेली की ‘आसमीन’ ने भी इस्लाम से नाता तोड़कर सनातन रास्ता चुन लिया है. अब वह ‘आरती श्रीवास्तव’ बनकर अपनी जिंदगी जिएंगी. गंगाजल और गोमूत्र से ‘आसमीन’ पवित्र हो गई. फिर उसने अपने प्रेमी जयवीर के साथ वैदिक रीति-रिवाज से शादी कर ली. दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए. आरती का कहना है कि इस्लाम धर्म में कई कुरीतियां हैं जिसके कारण उसने धर्म बदल लिया और अपने प्रेमी से शादी कर ली.

दोनों में हुआ प्यार

दोनों के बीच की प्रेम कहानी एक साल पहले शुरू हुई थी. बरेली निवासी आसमीन के घर जयवीर का आना-जाना लगा रहता था. एक साल पहले दोनों में प्यार हो गया. प्यार की शुरुआत आसमीन ने अपने प्रेमी जयवीर को प्रपोज किया और कहा कि वह शादी करना चाहती है. इसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ती गई और फिर उन्होंने शादी करने का फैसला किया. जयवीर से शादी करने से पहले आसमीन ने अपना नाम बदलकर ‘आरती श्रीवास्तव’ रख लिया था.

हिंदू धर्म में जताया आस्था

आसमीन ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया और अपने प्रेमी जयवीर से शादी कर ली. पंडित केके शंखधर दोनों अगस्त मुनि आश्रम पहुंचे. पंडित केके शंखधर ने गंगाजल और गोमूत्र से शुद्धिकरण किया. प्रेमी जयवीर ने आरती की मांग में सिन्दूर भर दिया. दोनों प्रेमी ने अग्नि को साक्षी मानकर 7 फेरे लिए. आसमीन उर्फ ​​आरती श्रीवास्तव ने अपने परिवार की जान को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है.

‘हिन्दू धर्म अपनाने की बड़ी इच्छा थी

प्यार की शुरुआत मैंने खुद की थी. वह हमारे घर अक्सर आता रहता था. एक दिन जब उसका फोन आया तो मैंने उससे पूछा कि क्या तुम मुझसे शादी करोगे. परिवार ने मेरा जीना मुश्किल कर दिया था. मैं हिंदू धर्म में आस्था रखती हूं. मुझे हिंदू धर्म का पालन करते हुए 5 साल से अधिक समय हो गया है. हिन्दू धर्म अपनाने की बड़ी इच्छा थी. मैंने अपनी इच्छा से हिन्दू धर्म स्वीकार किया है।

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