हैदराबाद में एक टैक्सी ड्राइवर और उसकी पत्नी ने मिलकर 31 जनवरी को चंद्र ग्रहण के समय एक तीन माह की बच्ची का सिर काटकर उसकी बलि चढ़ा दी गई. दोनों इस बलि को चढ़ाकर आलौकिक शक्ति हासिल करना चाहते थे.
हैदराबाद. दुनिया ने जिस तरह से अंधविश्वास फैला हुआ है उसे देखते हुए इंसान किसी भी हद तक गिर जाए तो अचंभा नहीं. ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब हैदराबाद के चिलकानगर में बीते 31 जनवरी को चंद्र ग्रहण के समय एक तीन माह की बच्ची का सिर काटकर उसकी बलि चढ़ा दी गई. बता दें कि बलि चढ़ाने के पीछे वजह यह थी कि ऐसा करने वाले ये बलि देकर अलौकित ताकत हासिल करना चाहते थे. दरअसल चिलकानगर में एक घर की छत पर बच्ची का सिर मिलने से सनसनी फैल गई. इलाके में किराए के मकान में रहने वाली एक महिला शुक्रवार को घर की छत पर कपड़े सुखाने के लिए गई तभी उसने वहां बच्ची का कटा सिर पड़ा देखा और वह घबराकर जोर जोर से चिल्लीने लगी जिससे अड़ोस पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गए. मौके पर पहुंची ने सिर को अपने कब्जे में ले लिया जबकि बच्ची के धड़ का अभी तक पता नहीं चल सका है.
पुलिस के मुताबिक टैक्सी चालक करुकोंडा राजशेखर और उसकी पत्नी श्रीलथा ने इस घटना को अंजाम दिया है. पुलिस के अनुसार राजशेखर ने भोइगुडा में फुटपाथ पर अपने भिखारी माता-पिता के पास सो रही बच्ची का अपहरण कर लिया था जिसके बाद वह बच्ची को मूसा नदी ले गया. उसके बाद धड़ को वहां गाड़कर वह कटे हुए सिर को घर ले गया. फिर अनुष्ठान के बाद उसने कटे हुए सिर को छत पर ले जाकर चंद्र ग्रहण चांदनी के नीचे दक्षिण-पश्चिम के कोने में रखा और शक से बचने के लिए सुबह अपनी टैक्सी लेकर रोज की तरह निकल पड़ा.
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