नई दिल्ली: पत्नी के करवा चौथ व्रत नहीं रखने पर एक पति सीधे कोर्ट पहुंच गया है. शख्स ने व्रत न रखने को क्रूरता बताते हुए तलाक की गुहार लगाई. ट्रायल कोर्ट ने पति-पत्नी के तलाक को मंजूर भी कर दिया. लेकिन फिर पत्नी ने खुद को क्रूर बताए जाने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि व्रत रखना किसी की भी व्यक्तिगत पसंद का मामला हो सकता है. इसे क्रूरता नहीं कह सकते हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों के तलाक को बरकरार रखते हुए कहा कि अलग-अलग धार्मिक विश्वास रखना या कुछ धार्मिक कर्तव्यों के पालन न करने को क्रूरता नहीं कह सकते हैं. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि रिवाजों के बीच रहते हुए महिला का व्रत रखने से इनकार करना यह बताता है कि उसके मन में पति के लिए कोई भी सम्मान नहीं है.
बता दें कि पति ने अपनी तलाक याचिका में खास तौर पर पत्नी के करवा चौथ का व्रत न रखने की घटना का जिक्र किया था. पति ने कहा कि उसकी पत्नी ने करवा चौथ का व्रत सिर्फ इसलिए नहीं रखा क्योंकि उसने पत्नी के मोबाइल फोन में रिचार्ज नहीं कराया था. इसके साथ ही शख्स ने यह भी दावा किया कि उसकी पत्नी छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाया करती थी. अगर वह अपने किसी दोस्त से मिलने जाता था, उस पर भी पत्नी उसके साथ झगड़ा करती थी.
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