पटना: रविवार को बिहार के भागलपुर में पुल गिरने की घटना से सियासत गरमा गई है. सुलतानगंज- अगुवानी महासेतु भरभरा कर गंगा नदी में बह गया है. 1710 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक बताया जाता है. दूसरी बार इस निर्माणाधीन […]
पटना: रविवार को बिहार के भागलपुर में पुल गिरने की घटना से सियासत गरमा गई है. सुलतानगंज- अगुवानी महासेतु भरभरा कर गंगा नदी में बह गया है. 1710 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक बताया जाता है. दूसरी बार इस निर्माणाधीन पुल के ढह जाने पर सीएम नीतीश कुमार ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं. मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए बिहार के पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को तलब किया गया है. लेकिन इस मामले में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव से जांच करवाए जाने पर सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने ही सवाल उठाए हैं.
परबत्ता के जेडीयू विधायक डॉ संजीव कुमार की मांग है कि इस मामले की जाँच हाईकोर्ट के जज द्वारा हो. उनके अनुसार इस मामले के लिए जो लोग दोषी हैं, उससे जांच करवाना उचित नहीं है. डॉ संजीव कुमार ने आगे आरोप लगाया कि इस हादसे के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत हैं. ऐसे में उनसे मामले की जांच करवाने की जगह जांच हाईकोर्ट के जज करें. गौरतलब है कि 5 मार्च 2023 को परबत्ता के जेडीयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने इस पुल से जुड़े मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया था.
उस समय उन्होंने सदन में कहा था कि निर्माणधीन पुल की पायों में दरारें आ चुकी हैं जिसका पिछले साल सुपर स्ट्रक्चर भी गिर गया था. लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. उन्होंने आगे आशंका जाहिर करते हुए कहा था कि कभी भी उस जगह पर बड़ा हादसा हो सकता है. हालांकि इस मामले में तेजस्वी यादव ने कहा था कि पुल निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं है.
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