Akash Anand: उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का जनाधार दिन ब दिन खिसकता जा रहा है। लगातार मिल रही हार को देखते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर से पार्टी की जिम्मेदारी भतीजे आकाश आनंद को दी है। लोकसभा चुनाव के बीच मायावती ने आकाश को अपरिपक्व बताकर नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने […]
Akash Anand: उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का जनाधार दिन ब दिन खिसकता जा रहा है। लगातार मिल रही हार को देखते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर से पार्टी की जिम्मेदारी भतीजे आकाश आनंद को दी है। लोकसभा चुनाव के बीच मायावती ने आकाश को अपरिपक्व बताकर नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी पद से हटा दिया था लेकिन उन्हें अब फिर से जिम्मेदारी सौंप दी है। कहा जा रहा है कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।
आकाश आनंद अब फिर से बसपा में नंबर-दो की जगह पर आ गए हैं। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के कारण मायावती ने आकाश को फिर से पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी है। हालांकि दोबारा पोस्ट मिलने के बाद भी आकाश की राह आसान नहीं होने वाली। क्योंकि पार्टी पिछले 12 सालों से सत्ता से दूर है। सभी मुख्य चेहरे पार्टी छोड़ चुके हैं। वोट बैंक भी बिखरा हुआ है। संगठन के सामने कई तरह की चुनौतियां खड़ी हैं, ऐसे में आकाश बिखरे हुए पार्टी को कैसे संभालेंगे, इस पर सबकी नजर है।
पिछले 4 दशक में मेहनत से खड़ी हुई बहुजन मूवमेंट को अभी नहीं संभाला गया तो पूरा कुनबा बिखर जायेगा। बीएसपी का कोर वोट बैंक दलित और पिछड़े उनसे दूर हो चुके हैं। उनका वोट या तो सपा को मिल रहा है या फिर बीजेपी को। अब जब उपचुनाव नजदीक है तो ऐसे में आकाश आनंद के ऊपर पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी है। साथ ही 4 राज्यों में चुनाव भी होने वाले हैं। बसपा के खिसकते वोटबैंक को रोकना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। वर्तमान में बसपा के पास एक भी लोकसभा सांसद नहीं है। ऐसे में आकाश के ऊपर बसपा की वापसी का जिम्मा है।
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