रामकृपाल और श्याम रजक के जाने से RJD को कितना नुकसान? कभी कहलाते थे लालू के हनुमान

पटना। राजद प्रमुख लालू यादव के हनुमान कहे जाने वाले राम कृपाल यादव और श्याम रजक उनका साथ छोड़ चुके हैं। कभी ये दोनों कद्दावर नेता लालू के बेहद करीबी हुआ करते थे। लालू के उत्कर्ष के साथी रहे लेकिन अब दोनों अलग रास्ते पर चल चुके हैं। रामकृपाल यादव को 2014 के चुनाव में […]

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रामकृपाल और श्याम रजक के जाने से RJD को कितना नुकसान? कभी कहलाते थे लालू के हनुमान

Pooja Thakur

  • August 23, 2024 11:31 am Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

पटना। राजद प्रमुख लालू यादव के हनुमान कहे जाने वाले राम कृपाल यादव और श्याम रजक उनका साथ छोड़ चुके हैं। कभी ये दोनों कद्दावर नेता लालू के बेहद करीबी हुआ करते थे। लालू के उत्कर्ष के साथी रहे लेकिन अब दोनों अलग रास्ते पर चल चुके हैं। रामकृपाल यादव को 2014 के चुनाव में पाटलिपुत्र से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया। अब श्याम रजक ने भी लालू को गच्चा दे दिया है।

लालू पर धोखा देने का आरोप

राजद से इस्तीफा देने के बाद श्याम रजक ने पार्टी पर धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मैं शतरंज का शौक़ीन नहीं था, इसी वजह से धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे और मैं रिश्तेदारी निभा रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो श्याम रजक 1 सितंबर को जदयू में शामिल हो सकते हैं। इधर इस्तीफे के बाद जदयू ने दावा ठोका कि अभी राजद के और विकट गिरने वाले हैं।

इस वजह से थे नाराज

श्याम रजक इससे पहले भी पार्टी छोड़ चुके थे लेकिन 2020 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तेजस्वी ने उनकी वापसी कराई थी। उन्हें राजद का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में फुलवारी की सीट इनके हिस्से में नहीं आई। समस्तीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे तो ये सीट कांग्रेस को मिल गई। राजद ने राज्यसभा भी नहीं भेजा। इन्हीं कारणों से पार्टी से नाराज थे।

लालू को होगा कितना नुकसान

राजनीतिक पंडितों की माने तो राजद भले ही कह रही हो कि फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि उनके जाने से लालू यादव को नुकसान जरूर होगा। श्याम रजक धोबी समाज संगठन से जुड़े हुए हैं। वंचित समाज पर उनकी अच्छी पकड़ है।

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