Hathras Stampede: up के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है. भगदड़ में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चें शामिल हैं. ये हादसा मंगलवार को फुलरई गांव में हुआ था . इस हादसे पर पीएम मोदी, सीएम योगी सहित सभी बड़े […]
Hathras Stampede: up के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है. भगदड़ में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चें शामिल हैं. ये हादसा मंगलवार को फुलरई गांव में हुआ था . इस हादसे पर पीएम मोदी, सीएम योगी सहित सभी बड़े नेताओं ने शोक जाहिर किया है . वहीं सत्संग का आयोजन कराने वाला नारायण हरि साकार घटना के बाद से लापता है.
जब भगदड़ मचती है तो लोग इधर- उधर भागने लगते है .भागने की कोशिश में कमजोर लोग अक्सर गिर जाता है.और लोगों के पैर के तले कुचले जाते हैं.इसलिए भागते समय अपने हाथों को पीछे की ओर मोड़ लेना चाहिए.जिससे आप भीड़ में दब तो सकते है . लेकिन आपके शरीर पर कोई प्रेशर नहीं पड़ेगा.आप अपने चेहरे के आस -पास सांस लेने के लिए कुछ जगह छोड़ देना चाहिए.ऐसा इसलिए करना चाहिए क्योंकि ऑक्सीजन की कमी के वजह से आप बेहोश हो सकते है. नहीं तो चक्कर आ सकता है.अपने पैरों को मजबूती से जमीन पर रखें .इसके बाद भीड़ की दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए. लोकिन आगे बढ़ने के लिए धक्का – मुक्की करने की कोशिश न करें.भगदड़ में सबसे ज्यादा मौत जमीन पर गिरने से होती है.कोशिश करें की आप किसी भी हालत में जमीन पर न गिरें.भीड़ के साथ समान गति से चलते रहने का प्रयास करना चाहिए . जब हर तरफ लोग भाग रहें हो चिल्ला रहे हो चिख रहे हों ऐसे में खुद को शांत रखना चाहिए .रेलिंग और दीवार से दूर रहना चाहिए क्योंकि भीड़ सबसे ज्यादा वहीं होती है.
भगदड़ मचने पर लोग एक-दूसरे से टकराते हुए आगे बढ़ते है और भीड़ में धक्का-मुक्की करना शुरू कर देते है .पीछे वाले लोग आगे बढ़ने की कोशिश करने लगते है. और उन्हें अपने आगे की चीजें ठीक से दिखाई नहीं देतीं. भीड़ के आगे और पीछे के बीच की गति में अंतर के कारण लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर जाते है
रिर्पोट के अनुसार हादसा बाबा के पैरों के चरण के लेने के वजह से हुआ है. जैसे ही बाबा सत्संग के बाद निकले लोग उनके चरण की धूल लेने के लिए दौड़ पड़े. भीड़ को देखकर बाबा के सेवकदार उनको वहां से निकालने की कोशिश में लोगों से धक्का -मुक्की करने लगे. वहां पर मिट्टी भी गीली थी और कीचड़ था. जिसके कारण लोग फिसल गए. और लोग एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे. जिसके बाद भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई. सत्संग के लिए जो परमिशन मांगी गई थी उसमें 50 हजार लोगों की आने की बात कही गई थी . लेकिन 2.5 लाख लोगों की भीड़ वहां पहुंची थी
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