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Umesh Pal Murder: जेल में बंद अशरफ तक कैसे पहुंचे गुर्गे? गिरफ्तारी के बाद बताया सच

प्रयागराज: SIT को उमेश पाल हत्याकांड में एक और बड़ी कामयाबी मिल गई है. जहां जेल में बंद अशरफ से मुलाकात करने वाले दो गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें बारादरी के मोअल्ला मंसूरनगर का निवासी गुरकान और मीरगंज के गांव परौरा के राशिद शामिल है. दोनों के फ़ोन को भी SIT ने […]

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Umesh Pal Murder: जेल में बंद अशरफ तक कैसे पहुंचे गुर्गे? गिरफ्तारी के बाद बताया सच
  • March 10, 2023 8:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

प्रयागराज: SIT को उमेश पाल हत्याकांड में एक और बड़ी कामयाबी मिल गई है. जहां जेल में बंद अशरफ से मुलाकात करने वाले दो गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें बारादरी के मोअल्ला मंसूरनगर का निवासी गुरकान और मीरगंज के गांव परौरा के राशिद शामिल है. दोनों के फ़ोन को भी SIT ने कब्ज़े में ले लिया है.

एक सिपाही भी गिरफ्तार

इससे पहले भी सात मार्च को SIT ने अशरफ के एक अन्य गुर्गे दयाराम उर्फ़ नन्हें को गिरफ्तार किया था. नन्हें के साथ सिपाही शिवहरि को भी जेल भेज दिया गया था. इसी के साथ मामले की एक और कड़ी पुलिस के हाथ लग गई है कि आखिर जेल में बंद रहने के बाद भी अशरफ बाहरी लोगों से किस तरह मिल पाया. बता दें, सिपाही शिवहरि पर अशरफ के गुर्गों को उससे आवेश रूप से मिलवाने का आरोप है. इसी कड़ी में दयाराम पर आरोप है कि वह जेल में अशरफ को कैंटीन का सामान और रुपए आदि सप्लाई किया करता था. अब तक इस मामले में अशरफ, उसके साले सद्दाम, सपा नेता लल्ला गद्दी, दयाराम और शिवहरि के साथ-साथ कुछ अज्ञात अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ तमाम धाराओं में रिपोर्ट दर्ज़ की जा चुकी है.

 

इस तरह करते थे मुलाकात

अतीक अहमद के भाई अशरफ को जेल/केंद्रीय कारागार-2 की कैंटीन में बंदी रक्षक की मदद मिलती थी. वह इसी मदद से अशरफ तक सम्मान सप्लाई करता था. इतना ही नहीं जेल में अशरफ की उसके करीबियों से मुलाकात भी करवाई जाती थी. यह मुलाकात नकली ID या बिना ID के हुआ करती थी. बड़ी ही चालाकी से गुर्गों को अशरफ तक पहुंचाया जाता था. अब जेल की कैंटीन में सामान सप्लाई करने वाले अशरफ के गुर्गों और बंदी रक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है.

अतीक से मिलने जेल जाता था उस्मान

प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में पहली गोली चलाने वाले शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान को सोमवार को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। अन्य बदमाशों की तलाश में पुलिस की छापेमारियां जारी है। आए दिन इस मामले को लेकर आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस की एनकाउंटर में विजय चौधरी ऊर्फ उस्मान अतीक अहमद से काफी दिनों तक संपर्क में रहा था। साथ ही वो अतीक से साबरमती जेल में मिलने भी जाता था।

कहा जाता है कि उस्मान अतीक की बातों से इतना प्रभावित था कि वो उसके कहने पर कुछ भी करने के लिए तैयार रहता था। जेल के बाहर भी वो अतीक अहमद से फ़ोन पर बात किया करता था। अतीक के गुर्गों ने उस्मान को अलग-अलग बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दी थी।

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