लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक चिकित्सा अधीक्षक ने स्वास्थ्य विभाग की खामियों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में सीएमओ पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया है कि सामान्य दवाएं तक की यहां उपलब्धता नहीं है. मरीज आरोप लगाते हैं कि सरकार कह रही है कि अस्पताल में दवा वगैरह सब फ्री हैं, लेकिन अस्पताल में न तो दवाएं आ रही हैं और न ही कोई फंड है. अंत में उन्होंने सीएमओ को चिट्ठी लिखकर उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए इस्तीफा दे दिया है.
अपको बता दें कि एक चिट्ठी में विभाग और सीएमओ की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए संडीला चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शरद वैश्य ने अपना इस्तीफा दिया है. उन्होंने लिखा है कि पिछले 9 साल से चिकित्सा अधीक्षक पद पर वो कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से उन्हें चिकित्सा अधीक्षक के रूप में कार्य करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
डॉक्टर शरद वैश्य ने इस्तीफे में लिखा कि अस्पताल चलाने में सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाली दवाओं एवं सामग्री की आपूर्ति जिला सीएमएसडी स्टोर से नहीं की जा रही है, जिसके चलते मरीजों के सामने असहज हालात बन जाते हैं. लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है कि सरकार द्वारा चिकित्सालय में सभी दवाई एवं उपकरण उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन आप लोग मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं. इस स्थिति में मरीजों के सामने चिकित्सा कर्मियों को अपमानित होना पड़ता है. वहीं डॉक्टर शरद वैश्य के इस्तीफा देने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
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