चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के नतीजे आ गए हैं और जीत की आस लगाए बैठे कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। 2024 के चुनाव में बीजेपी 2014 और 2019 से ज्यादा मजबूत होकर सत्ता में लौटी। जहां बीजेपी को 48 सीटें मिली है तो कांग्रेस 37 पर ही सिमट गई। हरियाणा का रण कांग्रेस के लिए […]
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के नतीजे आ गए हैं और जीत की आस लगाए बैठे कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। 2024 के चुनाव में बीजेपी 2014 और 2019 से ज्यादा मजबूत होकर सत्ता में लौटी। जहां बीजेपी को 48 सीटें मिली है तो कांग्रेस 37 पर ही सिमट गई। हरियाणा का रण कांग्रेस के लिए कुछ ऐसा रहा जैसा पिछले साल मध्य प्रदेश में हुआ था। पूर्व सीएम कमलनाथ की खूब चली लेकिन जीत नहीं दिला पाए वैसे ही हरियाणा में हुड्डा की ही सुनी गई लेकिन जीत नसीब नहीं हुआ।
48 सीटों पर जीती भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाने जा रही है। हरियाणा में कांग्रेस की इस स्थिति के लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। दरअसल टिकट बंटवारे से लेकर हाई कमान तक हर फैसले में हुड्डा का दखल दिख रहा था। हुड्डा ने अपने 25 विधायकों को फिर से टिकट दिलवाया था। पार्टी को मजबूत करने के बदले खुद को सर्वेसर्वा साबित करने में लगे रहे और इधर सैनी नायक बन गए।
हरियाणा में हुड्डा खुद को हीरो बनकर चल रहे थे। कमलनाथ की तरह उनकी भी पार्टी आलाकमान के साथ नजदीकी है। 2023 के मध्य प्रदेश चुनाव में कमलनाथ ने पार्टी हाई कमान को बातों को साइड रखकर अकेले ही सब तय करना शुरू कर दिया था। एमपी में अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन कमलनाथ की वजह से गठबंधन नहीं हो पाया। यहां तक कि जब मीडिया ने उनसे एक बार सवाल किया तो यहां तक कह दिया कि अरे छोड़िए अखिलेश वाखिलेश को।
इसका नतीजा यह हुआ था कि एमपी में कांग्रेस अकेले उतरी और 230 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में महज 66 ही जीत पाई। बीजेपी 163 सीट जीतकर सरकार बना गई। ऐसा एचके नजारा अब हरियाणा में देखने को मिला है। कांग्रेस ने अगर आम आदमी पार्टी और सपा के साथ गठबंधन किया होता तो नतीजा उलट देखने को मिलता। आप ने तो गठबंधन के लिए बात भी किया था लेकिन अतिउत्साहित कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन होने से कांग्रेस 10 में से 5 सीटें जीत गई लेकिन इस नतीजे से हुड्डा ने सबक नहीं सीखा और पार्टी की लुटिया डूबो दी।