गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा पर लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 6 लोगों की मौत हुई, राजस्थान और यूपी में एक-एक मौत हुई है. गृह मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार एससी-एसटी समुदाय को संविधान में जो अधिकार दिए गए हैं उस पर कटिबद्ध है. केंद्र सरकार ने इसमें कोई भी परिवर्तन नहीं किया है.
नई दिल्लीः गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा पर लोकसभा में बयान दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत बंद के दौरान हिंसक घटनाओं में 8 लोगों की मौत हुई. कई जगहों पर भीड़ और पुलिस में टकराव की भी घटनाएं हुई हैं. गृह मंत्री ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को जो फैसला सुनाया उसमें सरकार पार्टी नहीं है. इस मसले पर सरकार के विरोधी होने की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जबकि हमारी सरकार ने एससी-एसटी एक्ट को और बेहतर बनाने की कोशिश की है.
मंगलवार को लोकसभा में बयान देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश के दलित संगठनों में व्यापक आक्रोश है. एससी-एसटी समुदाय को संविधान में जो अधिकार दिए गए हैं उस पर सरकार कटिबद्ध है. हमारी सरकार ने इसमें कोई भी परिवर्तन नहीं किया है. हमारी सरकार एससी-एसटी प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार ने सिक्स वर्किंग डेज़ के अंदर ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की.’
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, ‘मंगलवार को अटॉर्नी जनरल के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट में दो बजे से रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई हो रही है. इससे हमारी सरकार की तत्परता का पता चलता है. आरक्षण को लेकर फैसले पर जो अफवाह फैलाई जा रही है वह ठीक नहीं है. हमने लोगों से शांति और सौहार्द कायम करने की अपील की है. राज्यों को एडवाइजरी जारी की है. मैं समस्त देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं और सभी राजनीतिक दलों से भी मेरी अपील है कि इस मुद्दे पर शांति बनाई रखी जाए.’
बताते चलें कि सोमवार को एससी-एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था. इस दौरान हुई हिंसक घटनाओं में कई लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए. मंगलवार को भी कई इलाकों में छिटपुट हिंसा की खबरें मिलीं. फिलहाल सभी संवेदनशील जगहों पर हालात काबू में हैं. पुलिस अब अराजक तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रही है. इस मामले में मंगलवार दोपहर दो बजे सुप्रीम कोर्ट में दो सदस्यीय बेंच खुली अदालत में सुनवाई करेगी.
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