लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के मठाधीश वाले बयान पर शनिवार को राजधानी लखनऊ में उनका पुतला फूंका गया। पुतला फूंकने से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तस्वीर को जूते-चप्पलों की माला पहनाई और उनके खिलाफ नारेबाजी की। अब इस मामले में अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। इनको मारों जूते चार लखनऊ में […]
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के मठाधीश वाले बयान पर शनिवार को राजधानी लखनऊ में उनका पुतला फूंका गया। पुतला फूंकने से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तस्वीर को जूते-चप्पलों की माला पहनाई और उनके खिलाफ नारेबाजी की। अब इस मामले में अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है।
लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अखिलेश ने एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ये पुतला फूंकने का काम उन्हें तब भी करना चाहिए था, जब किसी नेता ने यह कहा था कि ये ये ये इनको मारो जूता चार…….इस दौरान वहाँ मौजूद अन्य लोग ठहाके लगा रहे थे। अखिलेश ने कहा कि उस समय ये साधु-संत कहां थे? आज कल गूगल का ज़माना है, अगर किसी को बुरा लग रहा है तो मठाधीश का अर्थ गूगल करके देख लें। अब ये लोग गूगल के खिलाफ भी जायेंगे क्या?
बता दें कि ये ये ये इनको मारो जूते चार का नारा बसपा के समय दिया गया था। यहां ये ये ये का मतलब तिलक यानी पंडित , तराजू यानी की बनिया और तलवार यानी ठाकुर से है। अखिलेश के इस बयान की काफी आलोचना हो रही है। लोगों ने सवाल उठाया है कि अखिलेश यह बयान क्यों दे रहे जब उसी बसपा के साथ इन्होंने 2019 में गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। डिंपल यादव मायावती के पैरों में गिर कर फोटो खिंचवाई थीं।
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