आंदोलन की आड़ में हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों के अलावा ऐसे लोग भी हैं जो देश में शांति कायम रखने के लिए अपनी जान पर भी खेल जाते हैं. कुछ ऐसा ही किस्सा है बिहार के नवादा का यहां हिंसा के दौरान कुछ लोगों ने मजार को आग लगा दी जिसकी खबर मिलते ही हिंदुओं ने मजार की आग बुझाई जिससे की शहर में दंगा और ना भड़के
नवादाः आंदोलन की आड़ में हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों की इस देश में कोई कमी नहीं इसका ताजा उदाहरण हाल ही में हुआ दलित आंदोलन है. जिसमें दलितों द्वारा भारत बंद बुलाया गया लेकिन इसी का फायदा उठाकर शरारती तत्वों ने देश में जमकर हिंसा फैलाई. जिसमें कई लोग कई बेगुनाह लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.लेकिन इन्हीं उपद्रवियों के बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं जो देश में शांति बनाए रखने के लिए अपनी जान तक हथेली पर रख देते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ बिहार के नवादा में जहां हिंसा के दौरान कुछ उपद्रवियों ने मजार को आग लगा दी लेकिन दूसरे समुदाय को जैसे ही इसकी खबम मिली उन्होंने जान पर खेल कर आग बुझाई जिससे की दंगा और न भड़के.
मामला है नवादा का जहां 30 मार्च को भड़की हिंसा के दौरान कुछ उपद्रवियों ने हनुमान जी की मूर्ति को खंडित कर दिया जिससे कि दंगा और भड़क उठे और वही हुआ. प्रतिमा तोड़ने की खबर पर भड़के दूसरे समुदाय के लोगों ने हजरत सैयद सोफी दुल्ला शहीद शाह
शिरीन मज़ार को आग लगा दी और फोटो वाट्सएप पर सर्कुलेट होने लगीं. जैसे ही इसकी खबर हिंदुओं को मिली उन्होंने शहर को हिंसा की आग से बचाने के लिए मजार में लगी आग बुझाने की कोशिशें शुरू कर दीं.
बता दें कि नवादा के जिस क्षेत्र में यह मजार है वह दंगा प्रभावित इलाका है इसकी परवाह किए बिना कि वहां उनकी जान भी जा सकती है. उन्होंने मजार की आग बुझाई. थोड़ी देर में डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट कौशल कुमार मज़ार पर पहुंचे और मज़ार को सुरक्षित किया. इससे पहले भी शहर के लोगों ने एकजुटता दिखाते हुए रामनवमी से कुछ दिन पहले भी एसपी की अपील पर पूरे शहर के दोनों समुदायों के लोगों ने मिलकर एसपी के साथ रात-रात भर शहर में शांति सुनिश्चित करने के लिए गश्त लगाई.
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