शिमला की संजौली मस्जिद का मामला एक बार फिर गरमाता नजर आ रहा है. देवभूमि संघर्ष समिति ने मस्जिद को पूरी तरह से अवैध करार दिया है. हिंदू पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जगतपाल ने राजस्व अभिलेखों से छेड़छाड़ की आशंका जताई है। उन्होंने दावा किया कि राजस्व रिकॉर्ड और जमाबंदी के अनुसार, मस्जिद की जमीन का स्वामित्व हिमाचल सरकार के पास है।
हिमाचल प्रदेश: शिमला की संजौली मस्जिद का मामला एक बार फिर गरमाता नजर आ रहा है. देवभूमि संघर्ष समिति ने मस्जिद को पूरी तरह से अवैध करार दिया है. हिंदू पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जगतपाल ने राजस्व अभिलेखों से छेड़छाड़ की आशंका जताई है। उन्होंने दावा किया कि राजस्व रिकॉर्ड और जमाबंदी के अनुसार, मस्जिद की जमीन का स्वामित्व हिमाचल सरकार के पास है। ऐसे में वक्फ बोर्ड द्वारा राजस्व रिकार्ड पेश करने के लिए समय मांगना संदेह पैदा करता है।
जगतपाल ने नगर निगम कमिश्नर पर अवमानना का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की गयी है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर जल्द फैसला नहीं लिया गया तो वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. 5 अक्टूबर को नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट ने मस्जिद की पांच में से तीन मंजिलों को 21 दिसंबर तक गिराने के आदेश जारी किए. 21 दिसंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने पैसे और लेबर की कमी का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय मांगा. एमसी कोर्ट ने सुनवाई 15 मार्च तक बढ़ा दी है.
बक्फ बोर्ड के प्रदेश पदाधिकारी कुदबुद्दीन ने बताया कि मस्जिद 1905 से बनी हुई है. सरकारी रिकॉर्ड की खामियों को दूर करने के लिए भी अर्जी दाखिल की गयी है. उन्होंने मस्जिद की ज़मीन का स्वामित्व हिंदू पक्ष से सरकार को हस्तांतरित करने का विरोध किया। मस्जिद के अवैध हिस्से की डेढ़ मंजिल गिरा दी गई है और बाकी डेढ़ मंजिल भी 5 मार्च 2025 तक गिरा दी जाएगी. आपको बता दें कि संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ हिंदू संगठनों ने कई दिनों तक आंदोलन किया था. 11 सितंबर को मस्जिद कमेटी ने खुद उस हिस्से को हटाने की पेशकश की थी जिसे वैध माना गया था.
5 अक्टूबर को नगर निगम कमिश्नर कोर्ट ने मस्जिद की अवैध मंजिलों को गिराने का आदेश दिया था. 15 अक्टूबर को मस्जिद कमेटी ने पांचवीं मंजिल को गिराने का काम शुरू किया. 21 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने मस्जिद के पूरे ढांचे की वैधानिकता पर आठ हफ्ते के भीतर अंतिम फैसला लेने का आदेश जारी किया. फैसले को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका 30 नवंबर को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी थी. अब निचली दो मंजिलों की वैधता पर कमिश्नर कोर्ट में केस चल रहा है. 11 सितंबर को संजौली में हिंदू संगठनों ने बड़ा प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों की भीड़ बेकाबू हो गई. भीड़ बैरिकेड्स तोड़कर मस्जिद स्थल की ओर बढ़ने लगी. पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को नियंत्रित किया. प्रदर्शनकारियों की ओर से पुलिस पर पथराव किया गया. पथराव से पुलिस कर्मियों समेत कई लोग घायल हो गये. संजौली के बाद अन्य जिलों में भी हिंदू संगठनों ने मस्जिदों को अवैध बताते हुए प्रदर्शन किया.
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