हिमाचल प्रदेश सरकार की कमाई का नया जरिया, भांग की खेती को किया गया लीगल

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार इस समय बड़े आर्थिक संकट से जूझ रही है। संकट से जूझ रहे राज्य ने अब कमाई का नया जरिया खोज लिया है। सरकार अब भांग से कमाई करेगी। कांग्रेस सरकार ने भांग की खेती को लीगल करने और औषधीय व औद्योगिक क्षेत्रों में इसके इस्तेमाल का प्रस्ताव विधानसभा में रखा। हिमाचल सरकार के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रस्ताव विधानसभा के पटल पर रखा और इस पर चर्चा के बाद इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने भांग की खेती को कानूनी मान्यता देने के लिए एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य शामिल हैं। कमेटी के अध्यक्ष राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी हैं और इसमें सीपीएस सुंदर ठाकुर, न्यूरोसर्जन व भरमौर विधायक डॉ. जनक राज, भाजपा विधायक हंसराज और द्रंग भाजपा विधायक पूर्ण ठाकुर भी शामिल हैं।

कब से शुरू हुई थी चर्चा

यह कमेटी भांग की खेती के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए उत्तराखंड का दौरा कर चुकी है। इसके अलावा कमेटी के सदस्यों ने हिमाचल के कई इलाकों का दौरा भी किया ताकि वे स्थिति का सही आकलन कर सकें। कमेटी की रिपोर्ट पिछले साल विधानसभा में पेश की गई थी। इस मुद्दे पर चर्चा तब शुरू हुई जब 2018 में अधिवक्ता देशिंदर खन्ना ने हिमाचल हाईकोर्ट से भांग की खेती को वैध करने के लिए राज्य सरकार को उचित निर्देश देने का अनुरोध किया। मामला हाईकोर्ट पहुंचा। भांग की खेती के कई फायदे हैं और यह राज्य के लिए राजस्व का बड़ा जरिया बन सकता है। कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा है कि यह पहल राजस्व बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।

राज्य को क्या लाभ होगा

माना जा रहा है कि भांग की खेती को वैध करने से कई फायदे होंगे। भांग से कई तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं और अगर इसकी खेती की जाए तो यह राजस्व का अहम जरिया बन सकती है। इसलिए हिमाचल सरकार भांग की खेती को वैध करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

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