हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के सरकारी स्कूलों में प्रसारित हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से इस कार्यक्रम को देखने के लिए आए दलित छात्रों को घोड़े रखने की जगह पर बिठा दिया गया था. छात्रों ने इसकी शिकायत के लिए कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखा.
शिमला. बीते सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए‘परीक्षा पर चर्चा’ के प्रसारण के समय कुल्लू के सरकारी स्कूल के दलित छात्रों को अलग से बैठाए जाने को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दिए. बता दें कि ये मामला सोशल मीडिया के जरिए सामने आया था. दरअसल इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली में किया गया था जिसका प्रसारण देशभर के स्कूलों में किया था. इस दौरान जब पीएम मोदी परीक्षा से पहले छात्रों का हौसला बढ़ा रहे थे. तब कथित रूप से हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में इस कार्यक्रम को देखने के लिए दलित छात्रों को घोड़े रखने की जगह पर बिठा दिया गया था. कुल्लू के चेस्ता ग्राम पंचायत में सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए स्कूल प्रबंधन समिति के प्रमुख के घर में व्यवस्था की गई थी.
मामले को लेकर 16 फरवरी को कुछ छात्रों ने कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर को भेजे गये शिकायती पत्र में कहा कि मेहर चंद नाम के एक शिक्षक ने उन्हें उस कमरे से बाहर बैठने को कहा था जहां पर टीवी रखा हुआ था और पीएम मोदी का कार्यक्रम जारी था. छात्रों ने बताया कि उन्हें हिदायत दी गई थी कि कार्यक्रम के बीच में अंदर न आएं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ‘दलित विद्यार्थियों को उस स्थान पर बैठने को कहा गया, जहां पर घोड़े रखे जाते थे.’ छात्रों ने खत में लिखा कि उन्हें हर रोज इस भेदभाव का शिकार होना पड़ता है और स्कूल के हेडमास्टर भी ऐसा करते हैं
मामले पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि, ‘मैंने शिक्षा विभाग के सचिव को रिपोर्ट भेजने और कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, मुझे भी पता चला है कि मिड डे मील के दौरान दलित छात्रों के साथ भेदभाव किया जाता है, अगर यह सच है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’ इसको लेकर डिप्टी कमिश्नर ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिये हैं.
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