Himachal Pradesh : कांग्रेस ने निभाया अपना वादा, OPS स्कीम को किया बहाल

शिमला : हिमाचल चुनाव के समय कांग्रेस के घोषणा पत्र में सबसे पहला वादा OPS का था, OPS यानि पुरानी पेंशन योजना. OPS लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का चौथा राज्य है.कैबिनेट की पहली बैठक में OPS को बहाल करने का फैसला लिया गया. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी हर रैली में […]

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Himachal Pradesh : कांग्रेस ने निभाया अपना वादा, OPS स्कीम को किया बहाल

Riya Kumari

  • January 13, 2023 5:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

शिमला : हिमाचल चुनाव के समय कांग्रेस के घोषणा पत्र में सबसे पहला वादा OPS का था, OPS यानि पुरानी पेंशन योजना. OPS लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का चौथा राज्य है.कैबिनेट की पहली बैठक में OPS को बहाल करने का फैसला लिया गया. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी हर रैली में घोषणा की थी कि सरकार बनते ही पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी जाएगी. कांग्रेस यह दांव हर चुनाव में लगाती है हालांकि उसको सफलता मिल जाती है तो कही मुंह की खानी पड़ती है. गुजरात विधानसभा में कांग्रेस का ये दांव असफल रहा था. हर सरकारी कर्माचारी की मांग होती है कि पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया जाए.

1.5 लाख कर्मचारियों को लाभ

सरकारी आंकड़े बताते है कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी मुलाज़िमों की संख्या लगभग 2.75 लाख है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नई OPS के तहत लगभग 1.5 लाख कर्मचारी आते है. हिमाचल में 1,90,000 लोगों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है. जहां पर भी कांग्रेस की सरकार है वहां पर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू है.

बीजेपी छोड़ हर पार्टी खेल रही OPS का दांव

जहां भी चुनाव हो रहा है वहां पर कांग्रेस या क्षेत्रीय पार्टी अपने घोषणा पत्र में सबसे पहले नंबर पर पुरानी पेंशन योजना को रख रही है. इस पेंशन स्कीम को बंद हुए लगभग 19-20 साल हो गए है. 2003 के बाद जो भी सरकारी कर्मचारी थे वे अब रिटायर हो गए है या रिटायर होने की कगार पर है. इसलिए क्षेत्रीय पार्टीयां पुरानी पेंशन योजना पर जोर दे रही है. यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को छोड़ सपा, कांग्रेस, बसपा, आरलडी और अन्य छोटे दलों ने जनता से वादा किया था की अगर हमारी सरकार बनी तो हम सबसे पहले इस योजना को लागू करेंगे.

पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का मामला संसद में भी उठाया गया है लेकिन अभी तक इसपर कोइ फैसला सरकार ने नहीं लिया है. पुरानी पेंशन योजना राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में लागू हो गई है. जहां भी पुरानी पेंशन योजना लागू है वहां या तो कांग्रेस की सरकार है या कांग्रेस सहयोगी दल के रूप में है.

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