ऊना : हिमाचल प्रदेश के ऊना में जहरीला फल खाने से प्रवासी मजदूरों के 12 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। बता दें, पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद उसे नजदीकी अस्पताल में दाखिल कराया गया। अधिकारीयों ने आज शनिवार को मामले की जानकारी दी। मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला लालसिंघी गाँव […]
ऊना : हिमाचल प्रदेश के ऊना में जहरीला फल खाने से प्रवासी मजदूरों के 12 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। बता दें, पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद उसे नजदीकी अस्पताल में दाखिल कराया गया। अधिकारीयों ने आज शनिवार को मामले की जानकारी दी। मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला लालसिंघी गाँव का है। यहाँ पर अपने परिवार के साथ रह रहे बच्चों ने माता-पिता के काम पर जाने पर जहरीला फल खा लिया। जिसके बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। बच्चों की उम्र तीन से नौ साल के बीच बताई जा रही है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास ने बताया कि जब बच्चों को अस्पताल ले जाया गया तो उनकी हालत काफी गंभीर थी। हालाँकि इलाज के बाद उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने मामले में खुलासा किया कि पुलिस जाँच में पता चला कि बच्चों ने जंगल में जेट्रोफा के फल खाए थे, जिसके बाद उन्हें उल्टी-दस्त की परेशानी होने लगी।
बच्चों को 48 घंटे तक निगरानी में रखा गया था, चिकित्सा कर्मचारियों के अनुसार, उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। हमने उन्हें बताया कि कुछ साल पहले सिविल अस्पताल में सरकारी इंजेक्शन लगने से 18 लोगों की तबीयत खराब हो गई थी। इस घटना में 15 बच्चे शामिल थे। इस मामले को लेकर पूरे हिमाचल में बवाल मच गया। जानकारी के मुताबिक, मामला हिमाचल के मंडी से शुरू हुआ।