हिमाचल प्रदेश के मंडी बस स्टैंड पर बम की अफवाह फैलाने वाले MCA छात्र ने सदर थाना पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है. आरोपी छात्र ने पुलिस को बताया कि ब्लू व्हेल गेम के 11वें टास्क को पूरा करने के लिए उसने बस स्टैंड पर बम की अफवाह फैलाई थी. पुलिस ने आरोपी का फोन और सिम कार्ड जब्त कर लिया है.
मंडीः बीते 21 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के मंडी में अंतरराज्यीय बस स्टैंड पर बम होने की सूचना ने पुलिस प्रशासन के होश उड़ा दिए थे. बाद में यह महज अफवाह साबित हुई. बम की अफवाह फैलाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में इग्नू से एमसीए कर रहे छात्र संदीप कुमार (21) ने खुद सदर थाना पुलिस के सामने सरेंडर करते हुए अपना गुनाह कबूल कर लिया है. संदीप ने पुलिस को बताया कि वह ‘ब्लू व्हेल’ गेम खेल रहा था और गेम का 11वां टास्क पूरा करने के लिए उसने यह अफवाह फैलाई थी.
संदीप ने पुलिस को बताया कि वह इससे पहले तेज रफ्तार बाइक चलाकर दो बार आत्महत्या की कोशिश भी कर चुका है. पुलिस ने संदीप के पिता के बयान भी दर्ज कर लिए हैं. उन्होंने पुलिस को बताया कि पिछले कई महीनों से संदीप के व्यवहार में बदलाव आ रहा था. वह अधिकतर बंद कमरे में रहता था. परिजनों से बहुत कम बातचीत करता था. पुलिस ने संदीप का मोबाइल और सिम कार्ड कब्जे में ले लिया है. पुलिस केस की गहनता से जांच कर रही है. पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या संदीप अपने दोस्तों के साथ तो जानलेवा गेम ‘ब्लू व्हेल’ नहीं खेल रहा था.
दूसरी ओर पुलिस सूत्रों की मानें तो बम की अफवाह की एक वजह यह भी सामने आई है कि संदीप नशे का आदी है और वह अक्सर घर पर झगड़ा करता था. संदीप की अपनी मां से बहुत कहासुनी होती थी. जिससे नाराज होकर उसकी मां ने घर से चले जाने की बात कही थी. संदीप को लगा कि उसकी मां उसे छोड़कर जम्मू स्थित अपने मायके चली जाएगी, लिहाजा उसने इंटरनेट से मंडी बस स्टैंड का नंबर निकाला और वहां बम होने की अफवाह फैला दी ताकि बसों का संचालन बंद हो जाए और उसकी मां कहीं न जा पाए. फिलहाल पुलिस संदीप के दोस्तों से भी पूछताछ कर रही है.
क्या था मामला
बीते 21 दिसंबर को सुबह करीब 10 बजे मंडी बस स्टैंड के लैंडलाइन फोन नंबर पर बम की सूचना मिली. कार्यकारी प्रभारी ने फौरन निगम प्रबंधन और सदर थाना पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने फौरन मौके पर पहुंच बस स्टैंड को खाली कराया. 5-6 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया लेकिन कुछ नहीं मिला. जिसके बाद पुलिस ने उस नंबर को ट्रेस किया. पहले तो आरोपी संदीप पुलिस को अपनी अलग-अलग पहचान बताकर छकाता रहा लेकिन बाद में उसने खुद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
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