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Himachal : विश्वासघात…! सुक्खू कैबिनेट से असहमत होकर कांग्रेस नेताओं ने मुंडवाया सिर

शिमला : हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू का कैबिनेट का विस्तार हो गया है. हालांकि इस विस्तार से कई विधायको में असंतोष दिखाई दे रहा है. इनमें से मुख्य वह विधायक हैं जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है. इसमें से मुख्य नाम घुमारवीं विधानसभा के विधायक राजेश धर्माणी का है जिन्हें सीएम […]

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  • January 9, 2023 8:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

शिमला : हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू का कैबिनेट का विस्तार हो गया है. हालांकि इस विस्तार से कई विधायको में असंतोष दिखाई दे रहा है. इनमें से मुख्य वह विधायक हैं जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है. इसमें से मुख्य नाम घुमारवीं विधानसभा के विधायक राजेश धर्माणी का है जिन्हें सीएम सुक्खू का करीबी भी कहा जाता है.

मंत्रिमंडल को लेकर असंतोष

चुनाव के दौरान धर्माणी को कई मौकों पर सुक्खू के साथ मंच साझा करते हुए भी देखा गया था. धर्माणी के समर्थकों का कहना है कि उन्हें शपथग्रहण से पहली रात को मंत्री पद के लिए फोन कॉल भी आया था जिसमें उनसे पूछा गया था कि वो कौन सा मंत्रालय चाहते है. लेकिन जब मंत्रियों की घोषणा हुई तो पता चला कि इस लिस्ट में तो उनका नाम ही नहीं है.

नाराज़ हैं नेता

इसी बात को लेकर अब प्रदेश के कई विधायक विरोध करने पर आमादा हैं. दूसरी ओर धर्माणी का कहना है कि जनता ने उनमें भरोसा जताया है और भाजपा के मंत्री को हराकर वह यहां तक पहुंचे हैं. वह जनता के लिए विधायक बने हैं. भले ही पार्टी ने उन्हें कोई पद ना दिया हो लेकिन वो ईमानदारी से अपना काम करते रहेंगे. दूसरी ओर घुमारवीं से कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा का कहना है कि उन्हें अपना बताकर उनकी पीठ पर आघात किया गया है. कहा जा रहा है कि धर्माणी सुक्खू आश्वासन पर अब तक चुप हैं.

10 साल बाद भी नहीं है संपत्ति

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो धर्माणी को पहले आश्वस्त किया गया था कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी. लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि बिलासपुर को अनदेखा किया गया है जो अस्वीकार्य है. कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि सुक्खू कह रहे थे कि वह सिर्फ साफ छवि वाले विधायकों को मंत्री बनाएंगे। ऐसे में भी धर्माणी का नाम आगे आता है. उन्होंने आगे सवाल किया कि धर्माणी से ज़्यादा ईमानदार कौन है? जहां 10 साल विधायक रहने के बाद भी वह एक करोड़ की संपत्ति नहीं जुटा पाए.

 

इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता का कहना है कि सीधे हाईकमान से बात करेंगे. बता दें, इस विवाद को लेकर ही, धर्माणी शपथग्रहण समारोह के लिए शिमला नहीं गए. इस समय धर्माणी के घर पर कार्यकर्ताओं की आवाजाही लगी हुई थी. उनके समर्थक इस बात से नाराज़ हैं और उन्होंने विरोध में अपना सिर तक मुंडवा लिया है.

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