लखनऊ। मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में दाखिल जनहित याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज खारिज कर दी। कोर्ट में दाखिल अर्जी में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की गई थी। बुद्धवार यानी आज दोपहर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इसको खारिज […]
लखनऊ। मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में दाखिल जनहित याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज खारिज कर दी। कोर्ट में दाखिल अर्जी में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की गई थी। बुद्धवार यानी आज दोपहर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इसको खारिज कर दिया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने फैसला सुनाते हुए इस अपील को खारिज कर दिया है। उच्च न्यायालय के जस्टिस की डिवीजन बेंच के अनुसार इसी तरह की मांग को लेकर कई मुकदमे दाखिल किए गए हैं। उनके पेंडिंग होने के आधार पर इस नई अर्जी को खारिज कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि ऐसी ही मांग को लेकर तकरीबन डेढ़ दर्जन सिविल सूट यानी मुकदमे हाईकोर्ट में अभी भी पेंडिंग हैं।
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील महक महेश्वरी ने इस जनहित याचिका को साल 2020 में दाखिल किया था। फिलहाल उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जब ओरिजिनल केस ही पेंडिंग है तो ऐसे मामले में जनहित याचिका पर निर्णय नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में उच्च न्यायालय ने इसी टेक्निकल ग्राउंड पर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।