जयपुर: देश के हर मंदिर में पूजा पाठ को लेकर अलग-अलग नियम हैं और इन जगहों पर चढ़ाने वाले प्रसाद का भी काफी महत्त्व होता है. बता दें कि राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक प्रसाद है जो साल में केवल 1 दिन बनता है जिसका इंतजार हर किसी को रहता है. हनुमान जयंती पर […]
जयपुर: देश के हर मंदिर में पूजा पाठ को लेकर अलग-अलग नियम हैं और इन जगहों पर चढ़ाने वाले प्रसाद का भी काफी महत्त्व होता है. बता दें कि राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक प्रसाद है जो साल में केवल 1 दिन बनता है जिसका इंतजार हर किसी को रहता है. हनुमान जयंती पर बनने वाले 51 किलो की रोटी के लिए 10 से 12 लोग मिलकर पूरे दो दिन की कोशिश के बाद इसे तैयार करते हैं. इसके बाद अंजनी पुत्र भगवान हनुमान को चढ़ाया जाता है।
अगर आपको यह कहा जाए कि 51 किलो की रोटी होती है तो शायद आप अचंभित हो जाएंगे. राजस्थान के बाड़मेर जिले में हनुमान जयंती पर गुड़, मैदा, बेसन एवं नमक का मिश्रण कर 51 किलो की एक रोटी तैयार की जाती है. इसे सजाने के लिए काजू, किसमिस, बादाम और पिस्ता का इस्तेमाल करते हैं. इस रोटी को तैयार करने में करीब 4 से 5 घंटे का समय लग जाता हैं. बता दें कि बाड़मेर जिले के चतुर्भुज मंदिर में मनोकामना पूर्ति होने पर श्रद्धालुओं द्वारा सवामणी प्रसाद में “रोटी” चढ़ाया जाता है. इस रोटी को अनुभवी व्यक्ति द्वारा तैयार किया जाता हैं।
सवामणी रोटी बनाने वाले संदीप रामावत का कहना है कि वह पिछले 15-16 साल से रोटी बनाते आ रहे हैं. सवामणी प्रसाद के लिए तैयार होने वाले रोटी का वजन लगभग 51 किलो होता है. इसमें 25 किलो आटा, 17 किलो गुड़, 20 किलो घी, दो किलो ड्राई फ्रूट और 5 ग्राम केसर से बनाया जाता है. संदीप ने बताया कि सवामणी का रोटी करीब 4 से 5 घंटे में तैयार होता है. श्रद्धालुओं द्वारा इस रोटी को चूरमा बनाकर बाबा पर भोग अर्पित करते हैं. इसके बाद श्रद्धालु प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
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