शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए दशकों से पर्यटकों को आकर्षित करती रही है, इन दिनों एक विवाद के चलते पर्यटन में गिरावट देख रही है। शिमला के संजौली मस्जिद विवाद के बाद से शहर में पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है। इस विवाद और उसके बाद […]
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए दशकों से पर्यटकों को आकर्षित करती रही है, इन दिनों एक विवाद के चलते पर्यटन में गिरावट देख रही है। शिमला के संजौली मस्जिद विवाद के बाद से शहर में पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है। इस विवाद और उसके बाद हुए विरोध-प्रदर्शनों के कारण शिमला का पर्यटन उद्योग प्रभावित हुआ है, जिससे होटल व्यवसायियों और अन्य व्यापारियों में चिंता बढ़ गई है।
होटल व्यवसायियों के अनुसार, मस्जिदों में अवैध निर्माण को लेकर चल रहे विरोध-प्रदर्शन और सांप्रदायिक तनाव के कारण शिमला में पर्यटकों की आमद पर असर पड़ा है। हालांकि विरोध-प्रदर्शन अधिकतर शांतिपूर्ण रहे हैं, लेकिन इससे शहर की छवि को नुकसान पहुंचा है। शिमला होटल एवं पर्यटन हितधारक संघ के अध्यक्ष एमके सेठ ने जानकारी दी कि सितंबर के महीने में सामान्यत: 40-50 प्रतिशत होटल बुक हो जाते थे, लेकिन इस साल विवाद के कारण बुकिंग घटकर केवल 10-20 प्रतिशत रह गई है।
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने राज्य सरकार से इस विवाद का शीघ्र समाधान करने की अपील की है। उनका कहना है कि अगर हालात जल्द ठीक नहीं हुए, तो पर्यटन उद्योग पर और गहरा प्रभाव पड़ेगा। बरसात के बाद और सर्दियों की शुरुआत के इस दौर में पर्यटकों की आमद बढ़नी शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार हालात अलग हैं। होटल बुकिंग में भारी कमी आई है और कई पर्यटकों ने अपनी पुरानी बुकिंग भी रद्द कर दी हैं।
शिमला के रिज पर 35 वर्षों से काम कर रहे घुड़सवार मुश्ताक ने कहा, “हिमाचल प्रदेश अपनी शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है। मैंने इससे पहले ऐसा विवाद कभी नहीं देखा। समस्या बाहरी तत्वों और कुप्रबंधन के कारण उत्पन्न हुई है, जिससे व्यापार में गिरावट आई है।”
बता दें, 30 अगस्त को मलयाणा क्षेत्र में एक नाई और स्थानीय व्यवसायी के बीच हुई हाथापाई से यह विवाद शुरू हुआ, जो सांप्रदायिक मुद्दे में बदल गया। अब कई हिंदू समूह अनधिकृत मस्जिदों को गिराने की मांग कर रहे हैं, जिससे तनाव और बढ़ रहा है। यदि इस स्थिति का शीघ्र समाधान नहीं निकला, तो शिमला का पर्यटन उद्योग और ज्यादा प्रभावित हो सकता है।
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