नई दिल्ली। चंडीगढ़ नगर निगम में बड़ा उलटफेर हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय में चुनाव को लेकर धांधली के आरोपों पर सुनवाई से पहले चंडीगढ़ के नए मेयर मनोज सोनकर (Manoj Sonkar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भाजपा की चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख जतिंदर पाल मल्होत्रा ने बताया कि मनोज सोनकर ने निगम आयुक्त […]
नई दिल्ली। चंडीगढ़ नगर निगम में बड़ा उलटफेर हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय में चुनाव को लेकर धांधली के आरोपों पर सुनवाई से पहले चंडीगढ़ के नए मेयर मनोज सोनकर (Manoj Sonkar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भाजपा की चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख जतिंदर पाल मल्होत्रा ने बताया कि मनोज सोनकर ने निगम आयुक्त को अपना इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस और आप के बीच कोई गठबंधन नहीं है और वो केवल जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
सर्वोच्च न्यायालय में सोमवार (19 फरवरी) को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित धांधली को लेकर रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर लगे आरोपों को लेकर सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन से मेयर पद के कैंडिडेट रहे कुलदीप कुमार की याचिका पर सुनवाई होनी है। कुलदीप कुमार ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मतदान के दौरान धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए थे।
आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के तीन पार्षदों ने अपना पाला बदलते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण सूद ने बताया कि आप के तीन पार्षद नेहा, पूनम और गुरुचरण काला पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए हैं। अब आप के तीन पार्षदों के पाला बदलने से ये तय है कि जब भी मेयर के नए चुनाव होंगे तो पलड़ा बीजेपी की ओर झुक जाएगा। उनके शामिल होने से पहले, 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद थे और आप के 13 पार्षद थे।