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ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, मुस्लिम पक्ष की सुनी जाएगी दलीलें

लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़े मुद्दों पर आज फिर सुनवाई होनी है। एक दिन पहले यानी गुरुवार को भी कोर्ट में इस विवाद पर सुनवाई कराई गई थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष की दलीलें पूरी नहीं होने के कारण इसको आज के लिए टाल दिया गया था। मुस्लिम पक्ष के बाद […]

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ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, मुस्लिम पक्ष की सुनी जाएगी दलीलें
  • November 4, 2022 9:45 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़े मुद्दों पर आज फिर सुनवाई होनी है। एक दिन पहले यानी गुरुवार को भी कोर्ट में इस विवाद पर सुनवाई कराई गई थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष की दलीलें पूरी नहीं होने के कारण इसको आज के लिए टाल दिया गया था।

मुस्लिम पक्ष के बाद हिंदु पक्ष को दिया जाएगा मौका

उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चर्चित काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मामले में आज सुनवाई होनी है। एक दिन पहले भी इस विवाद पर सुनवाई की गई थी। जिसमें मुस्लिम पक्ष की दलीलें पूरी नहीं होने पर इसको आज के लिए टाल दिया गया था। मुस्लिम पक्ष की दलीलें पूरी होने के बाद हिंदू पक्ष के वकील अपनी बात रखेंगे।

पांच महिलाओं ने की थी धार्मिक अनुष्ठान की मांग

बता दें कि पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी के जिला अदालत में वाद दायर कर विवादित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी, भगवान हनुमान, भगवान गणेश और अन्य दृश्य अदृश्य हिंदू देवी-देवताओं के दर्शन, पूजा अर्चना और सभी धार्मिक अनुष्ठान करने की मांग की है। इस मांग को अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी की दिवानी अदालत में चुनौती दी है।

जिला जज ने मुस्लिम पक्ष की मांग को किया था खारिज

गौरतलब है कि राखी सिंह समेत पांच महिलाओं द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किए गए पूजा अर्चना की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत को सुनवाई का आदेश दिया था। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष की तरफ से अर्जी दाखिल कर इस मुकदमें को खारिज करने की मांग की गई थी। इसके बाद जिला जज ने 12 सितंबर को अपना फैसला सुनाते हुए इस आपत्ति को खारिज कर दिया था और राखी सिंह के केस को चलते रहने की अनुमति दी थी। इसके बाद मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने जिला जज के इस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

मुस्लिम पक्ष ने इन दो एक्ट का दिया हवाला

मुस्लिम पक्ष द्वारा हाईकोर्ट में दी गई याचिका में इस मुद्दे को प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट 1991 और वक्फ एक्ट 1995 के तहत बाधित बताया था और कहा कि जिला अदालत द्वारा दिया गया आदेश इन दोनों एक्ट के खिलाफ है।

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