कोरोना XE वैरिएंट नई दिल्ली, भारत में कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए गाइडलाइन्स में छूठ दी जा रही है. लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र से कोरोना XE वैरिएंट के पहले मामले ने चिंताएं भी बढ़ा दी है. अब इस स्थिति पर महाराष्ट्र सरकार ने अपना स्पष्टीकरण दिया है. क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री महाराष्ट्र […]
नई दिल्ली, भारत में कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए गाइडलाइन्स में छूठ दी जा रही है. लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र से कोरोना XE वैरिएंट के पहले मामले ने चिंताएं भी बढ़ा दी है. अब इस स्थिति पर महाराष्ट्र सरकार ने अपना स्पष्टीकरण दिया है.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे द्वारा मुंबई में पाए गए पहले कोरोना के एक्सई वैरिएंट पर स्पष्टीकरण दिया है. एक समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया, कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी(NIV)अधिकृत संस्थान मौजूद है. वहां सैंपल भेजे गए हैं अभी उसकी पुष्टि नहीं हुई है. स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, XE वैरिएंट ओमिक्रॉन के मुकाबले 10 प्रतिशत से अधिक फैलता है. आगे उन्होंने बताया कि लेकिन इससे घबराने की ज़रुरत नहीं है.
पिछले कुछ समय से कोरोना के मामलों में पूरे देश में राहत देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर महारष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में भी कोरोना प्रोटोकॉल्स में ढिलाई दी गयी है. लेकिन इसी बीच एक चिंता जगाने वाली खबर ये है कि मुंबई में ही कोरोना के नए और अति संक्रमित वैरिएंट XE का पहला मामला सामने आया है. इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है.
जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर कुछ लोगों के कुछ सैंपल्स लिए गए थे. जाँच के लिए गए थे. कुल 376 कोरोना संक्रमितों के सैंपल भेजे गए थे इनमें से 230 सैंपल के नतीजे सामने आये. जिसमें से चिंता वाली बात ये रही अधिकांश ओमिक्रोन वेरिएंट के अलावा देश का पहला एक्सई मामला भी सामने आया है. इन मरीजों में से 21 को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. कुल 12 मरीज ऐसे थे जिन्होंने कोई भी वैक्सीन नहीं ली थी. इसके अलावा 9 लोगों ने केवल एक डोज़ ली थी.