HD Kumaraswamy Govt Falls Karnataka Floor Test: बीजेपी का ऑपरेशन कमल जारी, कर्नाटक को कांग्रेस मुक्त कराकर अब कमलनाथ के मध्य प्रदेश की बारी !

HD Kumaraswamy Govt Falls Karnataka Floor Test: कर्नाटक का राजनीतिक नाटक खत्म हो गया है और 15 कांग्रेस-जेडीएस बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद आखिरकार एचडी कुमारस्वामी सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई है. वहीं बीजेपी के ऑपरेशन कमल एक और राज्य में फतह हासिल हुई है. ऐसे में कर्नाटक के बाद ऑपरेशन कमल का अगला निशाना मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार भी हो सकती है. जानिए कैसे और क्या हैं राजनीतिक आंकड़ें.

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HD Kumaraswamy Govt Falls Karnataka Floor Test: बीजेपी का ऑपरेशन कमल जारी, कर्नाटक को कांग्रेस मुक्त कराकर अब कमलनाथ के मध्य प्रदेश की बारी !

Aanchal Pandey

  • July 23, 2019 8:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. कर्नाटक में ऑपरेशन कमल को आगे बढ़ाते हुए 15 कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के इस्तीफे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की बीजेपी ने सदन में आंकड़ों पर खेलकर बहुमत हासिल कर ली है. और इसी के साथ कांग्रेस-जेडीएस की एचडी कुमारस्वामी सरकार के फ्लोर टेस्ट में फेल होने के साथ कर्नाटक का नाटक भी खत्म हो गया है. विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान जेडीएस-कांग्रेस के पक्ष में 99 और बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े. ऐसे में 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद भाजपा के पास सदन में पूर्ण बहुमत हो जाएगी.

कांग्रेस-जेडीएस से इस्तीफा देने वाले बागी विधायक विश्वास मत के दौरान सदन में वोटिंग भी नहीं कर सके जिसकी वजह से सदन में विधायकों की संख्या घटकर 209 रह गई और बहुमत की संख्या 105 हो गई. इस हिसाब से बीजेपी के पास पूरा संख्या बल है. कुमारस्वामी सरकार के गिरते ही सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर भाजपा समर्थकों के निशाने पर आ गई है. और अगर आकंड़ों के अनुसार देखें तो एमपी की कांग्रेस सरकार को गिराना बीजेपी के लिए ज्यादा मुश्किल भी नहीं हैं.

भाजपा कैसे गिरा सकती है मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार?

मध्य प्रदेश में 15 सालों से शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी लेकिन साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल कर भाजपा के गढ़ को हिला दिया. चुनाव में कांग्रेस को 114, बीजेपी को 109, बसपा को 2, सपा को 1 और निर्दीलीय के खाते में 4 विधानसभा सीटें गईं. मध्य प्रदेश की 230 सीटों से बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत थी. ऐसे में सपा-बसपा के तीन विधायक और 4 निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस की बनती सरकार देखकर साथ आ गए और सदन में कमलनाथ को बहुमत हासिल हो गई.

कमलनाथ सरकार को पूरा 1 साल भी पूरा नहीं हुआ कि बीच में ही विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात उठने लगी है. मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ कई बार कह चुके हैं कि बीजेपी के कई विधायक उनके संपर्क में हैं, वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी कई बार दावा ठोकते हुए कई कांग्रेसी विधायकों से संपर्क होने की बात करते नजर आ चुके हैं.
ऐसे में अगर मध्य प्रदेश का हाल भी कर्नाटक जैसा होता है तो काफी आराम से कमलनाथ सरकार गिर सकती है.

मध्य प्रदेश में बीजेपी अगर वापसी चाहती है तो सत्ताधारी खेमे के कम से कम 13 विधायक इस्तीफा दें. अगर ऐसा होता है कि सदन की संख्या बल 230 से घटकर 217 पर पहुंच जाएगी. इसके अनुसार, सदन में बहुमत हासिल करने के लिए 109 विधायकों की जरूरत होगी जो कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की  भारतीय जनता पार्टी के पास मौजूद है.

कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री जीत पटवारी का बयान

दूसरी ओर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी हर जगह परेशानी खड़ी करने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह कमलनाथ की सरकार है कुमारस्वामी की नहीं. बीजेपी को इस सरकार में खरीद-फरोख्त करने के लिए सात जन्म लग जाएंगे.

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