HC on Anti CAA Protest Accused Poster: इलाहाबाद हाईकोर्ट से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बड़ा झटका लगा है. अदालत ने योगी आदित्यनाथ सरकार से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के कथित आरोपियों के वसूली पोस्टरों को हटाने का आदेश दिया है.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा. अदालत ने सीएए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के आरोपियों के पोस्टरों को सभी जगह से हटाने का आदेश दिया. आरोपियों के पोस्टर राजधानी लखनऊ के इलाकों में चस्पा हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने यह आदेश दिया.
अदालत ने मामले पर सुनवाई के दौरान लखनऊ के जिला अधिकारी और पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि वे 16 मार्च तक सभी जगहों पर लगे होर्डिंग्स को हटवाएं. साथ ही इसकी जानकारी रजिस्ट्रार को दें. वहीं अदालत ने डीएम और पुलिस कमिश्नर को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया.
योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ के कई चौराहों पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा और उत्पात मचाने वाले सभी 57 कथित आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ वसूली का नोटिस जारी करते हुए उनके फोटो होर्डिंग्स पर छपवा दिए थे.
Allahabad High Court has ordered to remove the hoardings put up by Uttar Pradesh government, with names, addresses and photos of those who were accused of violence during protests against #CitizenshipAmendmentAct
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 9, 2020
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले पर खुद संज्ञान लेते हुए इसे भारतीय जनता पार्टी की योगी आदित्यनाथ सरकार की अन्यायपूर्ण कार्रवाई कहा. जस्टिस गोविंद माथुर ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा राज्य सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि यह नागरिकों की आजादी का हनन है. ऐसा कोई भी कार्य नहीं होना चाहिए जिससे किसी के दिल को नुकसान पहुंचे.