Haryana: कुंवारों को भी मिलेगी पेंशन… इतने उम्र वालों को मिलेगा लाभ

चंडीगढ़: देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां विधवाओं, दिव्यांगों, महिलाओं, बुज़ुर्गों और ट्रांसजेंडर्स को पेंशन दी जाती है. इस बीच हरियाणा की नई पेंशन योजना काफी सुर्खियों में है जहां राज्य सरकार ने राज्य के कुंवारों को पेंशन देने का ऐलान किया है. इस संबंध में करनाल जिले के कलामपुरा गांव में सीएम मनोहर […]

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Haryana: कुंवारों को भी मिलेगी पेंशन… इतने उम्र वालों को मिलेगा लाभ

Riya Kumari

  • July 3, 2023 10:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

चंडीगढ़: देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां विधवाओं, दिव्यांगों, महिलाओं, बुज़ुर्गों और ट्रांसजेंडर्स को पेंशन दी जाती है. इस बीच हरियाणा की नई पेंशन योजना काफी सुर्खियों में है जहां राज्य सरकार ने राज्य के कुंवारों को पेंशन देने का ऐलान किया है. इस संबंध में करनाल जिले के कलामपुरा गांव में सीएम मनोहर लाल खटटर ने जनता दरबार के दौरान ऐलान किया है. इस पेंशन स्कीम का एक दिलचस्प किस्सा भी है.

इन लोगों को मिलेगा फायदा

राज्य सरकार जल्द ही अविवाहितों यानी कुंवांरे लोगों के लिए पेंशन योजना बना रही है. जिसके तहत 45 से 60 साल के वर्ग में आने वाले कुंवारे लोगों को सरकार पेंशन देने की योजना बना रही है. दरअसल इस ऐलान के पीछे का एक दिलचस्प किस्सा ये है कि जब सीएम खट्टर लोगों की समस्या सुन रहे थे तभी एक 60 वर्षीय अविवाहित व्यक्ति ने उनसे उसकी वृद्ध पेंशन ना होने की शिकायत की. इस पर सीएम खट्टर ने कुंवारे लोगों को भी पेंशन देने की योजना बनाई.

लिंगानुपात या सियासी दाव?

हरियाणा सरकार के इस ऐलान को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. एक अनुमान के अनुसार राज्य में कुंवारे और 45-60 वर्षीय लोगों की संख्या ढाई लाख के करीब हो सकती है. ऐसे में राज्य सरकार को आगामी चुनाव के लिए अच्छा खासा वोट बैंक मिल सकता है. दूसरी ओर इस पेंशन योजना को हरियाणा के खराब लिंगानुपात से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हालांकि पिछले एक दशक में राज्य के लिंगानुपात में काफी सुधार भी आया है जो 2011 में 879 से 917 हो गया है. इसके बावजूद अविवाहित पुरुषों की संख्या में वृद्धि हुई है.

बता दें, हरियाणा की गिनती उन प्रदेशों में होती है जहां के युवक दूसरे राज्य की लड़कियों से शादी करने पर मजबूर हैं. हरियाणा में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, केरल, असम और पश्चिम बंगाल यहां तक की नेपाल से भी शादी करने के लिए लड़कियां लाई जाती हैं. इस तरह दूसरे राज्यों से लाई गई दुल्हनों की संख्या लगभग डेढ़ लाख आंकी गई है.

 

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