नई दिल्ली. किसान बीते एक साल से तीनों कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, किसान इन्हें काला क़ानून बताते हुए धरने पर बैठे हैं. ऐसे में अब सरकार ने धान की सरकारी खरीद को 1 अक्टूबर की बजाए 11 अक्टूबर कर दिया, जिसके बाद किसान गुस्से में आ गए और विरोध ( […]
नई दिल्ली. किसान बीते एक साल से तीनों कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, किसान इन्हें काला क़ानून बताते हुए धरने पर बैठे हैं. ऐसे में अब सरकार ने धान की सरकारी खरीद को 1 अक्टूबर की बजाए 11 अक्टूबर कर दिया, जिसके बाद किसान गुस्से में आ गए और विरोध ( Haryana Farmers Protest ) करने लगे. अंबाला में विधायक के घर के बाहर किसानों ने धरना दिया, जिसके बाद उनपर पानी की बौछारे भी की गई लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े रहे.
धान की सरकारी खरीद की मांग को लेकर अनाज मंडी के मजदूर काम छोड़ हड़ताल पर चले गए हैं. यह धरना तब शुरू हुआ जब किसानों को यह जानकारी मिली कि धान की सरकारी खरीद 1 अक्टूबर की बजाए 11 अक्टूबर को होगी. ऐसे में मजदूर सरकार के इस फरमान से भड़क गए और एकत्रित होकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे. ऐसे में किसानों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबल भी लगाए गए, किसानों पर पानी की बौछार की गई. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.
किसानों के आक्रोश को बढ़ता देख केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने तत्काल ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाक़ात की है.
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