Haryana Assembly Elections Results 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे के रूझान में कांग्रेस और बीजेपी बहुमत से दूर हैं और दुष्यंत चौटला की जेजेपी अच्छा प्रदर्शन करते हुए किंगमेकर की भूमिका में आ गई है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और बीजेपी सरकार बनाने के लिए जेजेपी को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दे दिया है लेकिन जेजेपी सिर्फ मुख्यमंत्री का पद ही चाहती है.
गुरुग्राम. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे के रूझानों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस और मनोहर लाल खट्टर की बीजेपी बहुमत से दूर है. दुष्यंत चौटाला की जेजेपी पहले चुनाव में ही शानदार प्रदर्शन करते किंगमेकर बनने की तैयारी में है. खबर है कि सरकार बनाने के लिए कांग्रेस भी दुष्यंत को डिप्टी सीएम पद और भाजपा भी उप मुख्यमंत्री पद का ऑफर दे रही है. लेकिन चुनाव के नतीजों के देखते हुए जेजेपी इस पद के साथ सरकार बनाने के लिए बिल्कुल भी राजी नहीं है या फिर प्रेशर पॉलिटिक्स का कार्ड चल रही है. दुष्यंत चौटाला की पार्टी ने किंगमेकर की भूमिका को लेकर कहा है कि जो भी पार्टी उनके साथ सरकार बनाना चाहती है उसे दुष्यंत चौटाला को राज्य का अगला सीएम बनान होगा.
बीजेपी हो सकती है झुकने को तैयार तो कांग्रेस कर सकती है कर्नाटक मॉडल का इस्तेमाल
भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है इसलिए जेजेपी की सीएम बनाने की मांग शायद उनके गले ठीक से न उतरे. लेकिन भाजपा अगर सत्ता में बने रहना चाहती है तो उसे जेजेपी की मांग को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री का पद दुष्यंत चौटाला को सौंपना होगा. बीजेपी अलाकमान ने आगे की रणनीति के लिए सीएम मनोहर लाल खट्टर को दिल्ली बुला लिया है.
दूसरी ओर कांग्रेस भी सत्ता में वापसी की चाहत में सरकार बनाने का पूरा प्रयास करेगी. ऐसे में कांग्रेस अपने कर्नाटक मॉडल पर काम कर सकती है. यानी जैसे कांग्रेस ने कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए जेडीएस पार्टी की कम सीट होते हुए गठबंधन कर एचडी कुमारस्वामी को सीएम बनाया था, ऐसे ही हरियाणा में भी पार्टी दुष्यंत चौटाला के नाम पर सहमती बना सकती है.
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस जेजेपी के दुष्यंत चौटाला को सीएम बनाने के लिए तैयार है. अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से फोन पर बातचीत करते हुए किसी भी तरह सरकार बनाने के लिए कहा है.
जेजेपी की मुख्यमंत्री पद की मांग बीजेपी- कांग्रेस के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स साबित हो सकती है
चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद जेजेपी को ज्ञात है कि वह अपने दम सरकार नहीं बना सकती है और अगर उसे भी सत्ता चाहिए तो कांग्रेस या बीजेपी का हाथ थामना होगा. ऐसे में दोनों पार्टियों के पास ज्यादा सीट होने की वजह से जेजेपी अपना कद छोटा नहीं करना चाहती. इसलिए हो सकता है कि इसी वजह से जेजेपी ने सीधा सीएम पद की मांग की ताकि अगर आगे कोई पार्टी उससे मोलभाव भी करे तो कम से कम डिप्टी सीएम तो बनाएं. साथ ही पार्टी चाहत हो सकती है कि उसके अधिकतर विधायक मंत्रीमंडल में बैठे या उनके वरिष्ठ नेताओं को बनने वाली सरकार के अन्य उच्च पदों पर ज्यादा जगह दी जाए.