Haryana Assembly Election 2019 Result Dushyant Chautala JJP, Chaudhary Devi Lal Aur Om Prakash Chutala Ki Party INLD ki Niche Dhakela JJP Ne: हरियाणा विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी, जेेजेपी के दुष्यंत चौटाला किंगमेकर बनकर उभर रहे हैं. हरियाणा चुनाव नतीजों में बीजेपी या कांग्रेस किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल रहा है. वहीं ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी, इनेलो) जेजेपी से भी पीछे महज 3 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. चौधरी देवीलाल के परिवार से अलग होकर पार्टी बनाने वाले दुष्यंत चौटाला ने इनेलो को हाशिए पर धकेल दिया है.
चंडीगढ़. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के वोटों की गिनती के रूझान आ गए हैं. हरियाणा में चौधरी देवीलाल की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल यानी इनेलो का पत्ता पूरी तरह साफ होता दिखाई दे रहा है. इनेलो से अलग होकर देवीलाल के ही परिवार के दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी, जेजेपी बनाई और इस चुनाव में बड़े किंगमेकर बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. दुष्यंत चौटाला की जेजेपी हरियाणा में 10 विधानसभा सीटों पर आगे चल रही है. वहीं ओमप्रकाश चौटाला और अभय चौटाला की पार्टी इनेलो के खाते में मुश्किल से 3-4 सीटें आती रही हैं.
हरियाणा में अभी तक आए चुनावी रूझानों में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. मनोहरलाल खट्टर की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 40 से कम सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं लेकिन बहुमत के आंकड़े 46 से बहुत दूर है. हरियाणा में दूसरे नंबर आगे चल रही कांग्रेस पार्टी और दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के बीच गठबंधन कर सरकार बनाने पर बात चल रही है.
दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं ने भी दुष्यंत से संपर्क कर सरकार बनाने की बातकी है. हालांकि अभी तक आई जानकारी के मुताबिक दुष्यंत चौटाला मुख्यमंत्री पद की मांग कर रहे हैं यानी कि जो पार्टी उन्हें सीएम पद देगी वे उसी के साथ गठबंधन करेंगे और सरकार बनाएंगे.
इस चुनाव में सबसे खास बात यह है कि दुष्यंत चौटाला के दादा ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो का पत्ता साफ हो चुका है. इनेलो हरियाणा में मुश्किल से 1 या दो सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला फिलहाल जेल में हैं. 2018 में चौटाला परिवार में फूट पड़ी और दुष्यंत चौटाला अपने दादा और चाचा अभय चौटाला की पार्टी से अलग होकर नई जननायक जनता पार्टी बना दी.
हालांकि दुष्यंत चौटाला ने साफ किया कि उनकी पार्टी भी चौधरी देवीलाल के विचारों पर ही कायम है. मगर चौधरी देवीलाल की विरासत इनेलो पार्टी है और दुष्यंत की जेजेपी ने इनेलो को हाशिए पर लाकर रख दिया है.
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