लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी का 16 मई को निधन हो गया. हरिशंकर तिवारी पिछले 3 सालों से बीमार चल रहे थे. उनके निधन पर पूरे राजनीतिक दल की ओर से शोक संवेदना व्यक्त की गई. हरिशंकर तिवारी ने 1980 में जेल में रहते हुए चुनाव जीता था. ऐसा यूपी में […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी का 16 मई को निधन हो गया. हरिशंकर तिवारी पिछले 3 सालों से बीमार चल रहे थे. उनके निधन पर पूरे राजनीतिक दल की ओर से शोक संवेदना व्यक्त की गई. हरिशंकर तिवारी ने 1980 में जेल में रहते हुए चुनाव जीता था. ऐसा यूपी में पहली बार हुआ था कि कोई बाहुबली नेता जेल में रहते हुए चुनाव जीता था.
1980 में इंदिरा गांधी की मौत के बाद पूरे देश में कांग्रेस के लिए सहानुभूति की लहर चल रही थी उसके बावजूद हरिशंकर तिवारी ने कांग्रेस के नेता को हराया था. इनकी ताकत का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चिल्लूपार विधानसभा सीट से लगातार 22 साल तक विधायक रहे. हरिशंकर तिवरी को हर दल की जरुरत थी. वे 5 अलग-अलग सरकारों में मंत्री भी रहे. इसी बीच 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा था उसके बाद उन्होंने राजनीति छोड़ दी. वहीं उनके बेटे विनय शंकर तिवारी समाजवादी पार्टी में है और विधायक है.
1985 में अपने राजनीति सफर की शुरुआत करने वाले तिवारी प्रदेश में एक बड़े ब्राह्मण नेता के तौर पर अपनी पहचान और पकड़ बनाई. उसके बाद गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा सीट से लगातार 6 बार विधायक चुने गए और पांच बार यूपी सरकार में मंत्री रहें. हालांकि 2007 में उनको राजेंद्र त्रिपाठी से हार का सामना करना पड़ा. उनके बेटे विनय तिवारी ने कहा कि हरिशंकर तिवारी दिल की बीमारी समेत कई रोगों से ग्रसित थे. उम्रजनित बीमारियों ने भी उन्हें घेर लिया था. लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हुआ है. बुधवार को मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार होगा.
हरिशंकर तिवारी ने का प्रदेश के राजनीति में कितना दबदबा था इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह प्रदेश के पांच मुख्यमंत्रियों की सरकार में मंत्री थे. वर्ष 1997 से वर्ष 2007 तक पांच मुख्यमंत्रियों के कैबिनेट में उन्होंने जगह बनाई. प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मायावती और मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकारों में वे लगातार कैबिनेट मंत्री रहे.
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