महाशिवरात्रि पर रामेश्वर से काठमांडू तक गूंजा हर-हर महादेव, वाराणसी में धूम मचाते हुए निकली शिव बारात

वाराणसी। 18 फरवरी यानी आज देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से सब जगह मनाया जा रहा है। इस दिन को और भी ज़्यादा खास बनाने के लिए काशी यानी वाराणसी में अनोखी शिव बारात निकाली जा रही है। इस खास अवसर पर G20 के विदेशी मेहमान भी इसमें शामिल होंगे। यह बारात जी-20 की […]

Advertisement
महाशिवरात्रि पर रामेश्वर से काठमांडू तक गूंजा हर-हर महादेव, वाराणसी में धूम मचाते हुए निकली शिव बारात

Tamanna Sharma

  • February 18, 2023 1:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

वाराणसी। 18 फरवरी यानी आज देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से सब जगह मनाया जा रहा है। इस दिन को और भी ज़्यादा खास बनाने के लिए काशी यानी वाराणसी में अनोखी शिव बारात निकाली जा रही है। इस खास अवसर पर G20 के विदेशी मेहमान भी इसमें शामिल होंगे। यह बारात जी-20 की थीम पर निकाली जा रही है, जोकि G20 स्पेशल होगी। इसे काशी कार्निवल का नाम दिया गया है।

आज सुबह 7:30 बजे शुरू हुई यह बारात 18 घंटे तक चलेगी। इसका समापन आधी रात को जयमाला समारोह के साथ ही होगा। इस बारात की झांकी पूरी दुनिया के लिए लाइव प्रसारित की गई है। इस आयोजन के लिए शिव बारात नाम की एक वेबसाइट के साथ-साथ फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर सोशल मीडिया पेज भी बनाए दिए गए हैं। भगवान शिव पहली बार मसान बारातियों के साथ बरसाने की होली खेलेंगे।

शिव बारात में ये है खास शामिल

इस शोभायात्रा में लगभग 4-5 लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया है। बता दें ,100 से ज्यादा झांकी, 150 सपेरे, 100 बंदर, हाथी, घोड़े, ऊंट, बैल, गाय, भूत-पिशाच, ढोल वादक, बैंडबाजे, औघड़, नागा, जिन्न, साधु, पहलवान, खिलाड़ी, कवि, साध्वी, प्रोफेसर, लेखक इसमें भी शामिल हुए हैं। इन सब के अलावा संगीतकार, कहानीकार, भोजपुरी सितारे और विदेशी कलाकार सभी इसमें शामिल हो गए है।

ये निभा रहे हैं शिव-पार्वती की भूमिका

शिव बारात के मुख्य आयोजक दिलीप कुमार सिंह ने घोषणा कर बताया है कि दूल्हा प्रसिद्ध कवि पंडित सुदामा प्रसाद तिवारी हैं, जिन्हें सांड बनारसी के नाम से भी लोग जानते है। तो वही दूसरी तरफ बदरुद्दीन अहमद पार्वती की भूमिका निभा रहे है। शिव बारात काशी की गंगा-जमुनी संस्कृति को जी-20 देशों और दुनिया को देखने के लिए है। इस जुलूस में हर धर्म के लोग, जोगी, साधु, सिख गुरु और मौलवी भी शामिल होंगे, भांग और ठंडाई का प्रसाद ग्रहण करते हुए नाचते नज़र आएंगे।

कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध

Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद

Advertisement