हल्द्वानी/नई दिल्ली। उत्तराखंड के हिंसाग्रस्त शहर हल्द्वानी के बाहरी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है लेकिन बनभूलपुरा इलाके में ये लागू रहेगा। दूसरी तरफ घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बता दें कि कुमाऊं के कमिश्नर को इसकी जिम्मेदारी देते हुए इस मामले में 15 दिनों के अंदर उनसे रिपोर्ट मांगी गई है। अब अधिकारियों पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
खबरों के अनुसार बनभूलपुरा हिंसा के पहले चार दिन में पांच इंटेलिजेंस रिपोर्ट दी गई थीं, जिनमें साफ तौर पर हिंसा होने की आशंका जताई गई थी। बता दें कि साथ ही कई और जरूरी सुझाव दिए थे, जिनको कार्रवाई के दौरान अमल में लाया जाना जरूरी बताया था। लेकिन अपसरों द्वारा इनमें से कोई भी सुझाव-सलाह को नहीं माना गया। मीडिया में चल रही खबरों की माने तो इसकी वजह अफसरों की मनमानी है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड देवभूमि है। यहां पर ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने देवभूमि की फिजा और माहौल को खराब करने की कोशिश की है। सीएम ने कहा कि मैंने आज सवेरे कुछ पत्रकार साथियों से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि उनको जिंदा आग में झोंकने का प्रयास किया गया। सीएम ने बाताया कि एसडीएम रेखा कोहली से भी मैंने बात की और उन्होंने मुझे बताया कि किस तरह से उनके साथ मारपीट हुई है।
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