Advertisement

राजस्थान में आए H3N2 इन्फ्लूएंजा केस के 54 मामले, SMS अस्पताल ने की पुष्टि

जयपुर। राजस्थान में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस ने दस्तक दे दी है। राज्य में वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके चलते बड़ी संख्या में मरीज खांसी-बुखार की शिकायतों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। वायरस को लेकर राजस्थान के एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने अब तक H3N2 इन्फ्लूएंजा के 54 पॉजिटिव केस आने […]

Advertisement
राजस्थान में आए H3N2 इन्फ्लूएंजा केस के 54 मामले, SMS अस्पताल ने की पुष्टि
  • March 12, 2023 10:16 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

जयपुर। राजस्थान में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस ने दस्तक दे दी है। राज्य में वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके चलते बड़ी संख्या में मरीज खांसी-बुखार की शिकायतों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। वायरस को लेकर राजस्थान के एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने अब तक H3N2 इन्फ्लूएंजा के 54 पॉजिटिव केस आने की पुष्टि की है। इसके अलावा हर दिन 20 से 25 लोगों की जांच की जा रही है।

डॉक्टरों ने फ्लू को लेकर लोगों को एहतियात बरतने को कहा है। वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग रखने और भीड़ में मास्क का उपयोग करने की सलाह भी दी गई है। बता दें, इससे पहले हरियाणा और कर्नाटक में इस वायरस के कारण एक-एक मौत हो चुकी है। और अब राजस्थान में लगातार बढ़ रहे वायरस के मामलों ने राज्य की चिंता बढ़ा दी हैं।

सेम्पलिंग में कमी

जिस रफ्तार से राजस्थान में वायरस के मरीज बढ़ रहे है उस अनुपात में अस्पतालों में इस की सैम्पलिंग नहीं की जा रही है। हालात यह है कि राज्य के बड़े अस्पतालों में शामिल एसएमएस अस्पताल में भी रोजाना बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं, लेकिन यहां भी रोजाना केवल 20 या 25 लोगों की सैम्पलिंग हो पा रही है। चिकित्सकों की माने तो इस समय हर तीसरा मरीज इस वायरस या इससे जुड़ते लक्षणों के चलते यहां पहुंच रहा है।

अस्पातल के चिकित्सक डॉ पुनिस सक्सेना का बयान

वायरस पर एसएमएस अस्पातल के चिकित्सक डॉ पुनिस सक्सेना ने कहा कि, लोग नाक बंद, जुखाम, गले में दर्द और बुखार की शिकायत को लेकर अस्पताल में पहुंच रहे है। फिलहाल अस्पताल में इन्फ्लूंजा के मरीजों में खांसी और तेज बुखार की शिकायत लेकर लोग आ रहे है, फिलहाल अभी ज्यादातर केस माइल्ड है।

शुरुआती लक्षण क्या है ?

डॉक्टर सक्सेना ने बताया कि वायरस के आने में शुरुआती दिनों में सामान्य 3 से 4 दिन में बुखार ठीक हो जाता है,  लेकिन कुछ केस में 6 से 7 दिन में भी बुखार ठीक नहीं हो रहा है। वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों में बुखार खत्म होने के बाद खांसी शुरू होती है और यह लंबे समय तक रहती है। कुछ मामलों में निमोनिया होने की भी उम्मीद बनी रहती है।

क्या है बचाव

डॉ सक्सेना बताते है कि वायरस से बचने के लिए सर्दी- खांसी मरीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए इसके अलावा भीड़ वाले इलाकों में मास्क लगाने के अलावा सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखनी चाहिए। फिलहाल इस वायरस के कारण हुई मौतों के बाद चिंताएं बढ़ गई है। लेकिन लोगों को सावधानी जरूर रखनी है।

Advertisement