नई दिल्ली: गुरुग्राम पुलिस ने व्हाट्सऐप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें कंपनी के डायरेक्टर्स और नोडल अधिकारी को तलब कर सफाई देने के लिए कहा गया है। बता दें, यह मामला पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी नहीं देने से जुड़ा है। वहीं पुलिस ने व्हाट्सऐप पर लोकसेवक के आदेश का पालन न करने और कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही व्हाट्सऐप पर सबूतों को छिपाने और नष्ट करने से जुड़े गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
यह मामला 27 मई 2023 को दर्ज हुए एक धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश से संबंधित केस से जुड़ा है। इस केस की जांच करते हुए, पुलिस ने व्हाट्सऐप से उन चार अकाउंट्स की जानकारी मांगी थी, जो आरोपियों द्वारा उपयोग किए जा रहे थे। इसके लिए 17 जुलाई को व्हाट्सऐप को नोटिस भेजा गया था। वहीं 19 जुलाई को व्हाट्सऐप की ओर से जवाब मिला, जिसमें मांगी गई जानकारी देने पर आपत्ति जताई गई थी। इसके बाद 25 जुलाई को पुलिस ने अपनी आपत्तियों का जवाब दिया, लेकिन व्हाट्सऐप ने फिर से जानकारी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद 23 अगस्त को पुलिस ने दुबारा जताई गई आपत्तियों जवाब भेजा, लेकिन 28 अगस्त को व्हाट्सऐप ने साफ तौर पर जानकारी देने से मना कर दिया, जो पुलिस के अनुसार कानूनी आदेशों का उल्लंघन है।
गुरुग्राम पुलिस का कहना है कि व्हाट्सऐप की इस हरकत ने कानूनी प्रक्रिया में बाधा डाली है और यह कानून के तहत अपराधी की मदद करने के समान है। पुलिस ने दावा किया कि व्हाट्सऐप ने आरोपियों से जुड़ी जानकारी न देकर उन्हें सजा से बचाने का प्रयास किया है, जो भारतीय कानून के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।
इस कारण एफआईआर में भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत व्हाट्सऐप के अधिकारियों को नामांकित किया गया है। पुलिस ने आगे कहा कि व्हाट्सऐप द्वारा जानकारी न देने की वजह से जांच में देरी हो रही है और इस व्यवहार को कानूनी नियमों की जानबूझकर अवहेलना माना जा रहा है। इस वजह से पुलिस द्वारा व्हाट्सऐप को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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