Gujrat Court on Love Jihad: लव जिहाद पर हाईकोर्ट की टिप्पणी- केवल शादी के आधार पर नहीं दर्ज की जा सकती है एफआईआर

Gujrat Court on Love Jihad : गुजरात में ‘लव जिहाद’ को लेकर बने कानून पर हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने साफ किया है कि केवल शादी के आधार पर ही मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है।

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Gujrat Court on Love Jihad: लव जिहाद पर हाईकोर्ट की टिप्पणी- केवल शादी के आधार पर नहीं दर्ज की जा सकती है एफआईआर

Aanchal Pandey

  • August 19, 2021 2:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली. गुजरात में ‘लव जिहाद’ को लेकर बने कानून पर हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने साफ किया है कि केवल शादी के आधार पर ही मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है।

कोर्ट ने इस दौरन गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम की कुछ धाराओं में हुए संशोधनों को लागू करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। हाल ही में उच्च न्यायालय ने गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम से जुड़ी एक याचिका में सुनवाई के बाद राज्य सरकार को नोटिस भेजा था।

गुरुवार को गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा है कि अंतर-धार्मिक विवाह के मामले में केवल शादी को ही एफआईआर का आधार नहीं बनाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि बगैर यह साबित हुए कि शादी जोर-जबरदस्ती से हुई है या लालच से हुई है, पुलिस में एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है. कोर्ट की तरफ से अधिनियम की धारा 3, 4, 5 और 6 के संशोधनों को लागू करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।

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