नए साल 2025 के आगमन के बाद भारत में त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाएगा, वहीं अगले दिन यानी 14 तारीख को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा।
नई दिल्ली : नए साल 2025 के आगमन के बाद भारत में त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाएगा, वहीं अगले दिन यानी 14 तारीख को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। यह त्योहार साल के सबसे बड़े त्योहारों में गिना जाता है। इस दिन सूर्य अपनी राशि बदलकर मकर राशि में जाता है, जिस कारण इसे मकर संक्रांति का त्योहार कहा जाता है।
वैसे तो लोग इस खास त्योहार पर स्नान और दान करते हैं, लेकिन गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण का यह त्योहार बेहद खास होता है। इस दिन लोग पतंग उड़ाते हैं। गुजरात में इसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। यहां हर साल अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है। पतंगबाजी के लिए भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां आते हैं।
दरअसल, हिंदू कैलेंडर के अनुसार- उत्तरायण का त्योहार वह समय होता है जब सर्दी से गर्मी की शुरुआत होती है। यह किसानों के लिए इस बात का भी संकेत है कि फसल का मौसम आ गया है। इस दिन पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जिसमें दुनिया के कोने-कोने से लोग पतंग उड़ाने आते हैं। पूरा आसमान पतंगों से भर जाता है।
अगर आप पतंग उड़ाने के शौकीन हैं, तो अहमदाबाद जा सकते हैं। यहां आपको मकर संक्रांति पर अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। इस दौरान आपको हर तरफ “काई पो छे” की आवाजें सुनाई देंगी।
राजस्थान के जयपुर में भी अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव मनाया जाता है। यह महोत्सव राजस्थान के सबसे रंगीन त्योहारों में से एक है। यह महोत्सव भी मकर संक्रांति के दिन यानी 14 जनवरी को मनाया जाता है। यहां पतंगबाजी का लुत्फ उठाने के लिए विदेशों से भी लोग आते हैं।
पतंग उड़ाने का त्यौहार मनाने के पीछे एक वजह है। लोगों का मानना है कि सर्दियों के दौरान हमारा शरीर सर्दी-खांसी से संक्रमित हो जाता है। लेकिन जब सूर्य उत्तरायण में होता है, तो उसकी किरणें शरीर के लिए औषधि का काम करती हैं। वैसे भी इस मकर संक्रांति त्यौहार पर आप इन दोनों राज्यों में घूमने का प्लान बना सकते हैं।
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