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मां का दर्द- ‘बेटे की तेरहवीं के लिए गए थे गुजरात, पूरा परिवार ही खत्म हो गया’; पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में एक परिवार के 11 की मौत

गुजरात के बनासकांठा जिले में मंगलवार सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट ने कई परिवारों को तबाह कर दिया. इस हादसे में मध्य प्रदेश के हरदा और देवास जिले के मजदूरों की जान गई.

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inkhbar News
  • April 2, 2025 9:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

Banaskantha Boiler Blast: गुजरात के बनासकांठा जिले में मंगलवार सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट ने कई परिवारों को तबाह कर दिया. इस हादसे में मध्य प्रदेश के हरदा और देवास जिले के मजदूरों की जान गई. जिसमें एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया. हरदा की गीताबाई का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्होंने कहा ‘होली पर बेटे सत्यनारायण का निधन हो गया था. उसकी तेरहवीं के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए पोते समेत परिवार के 11 लोग कमाने गुजरात गए थे. वहां से लौटते तो तेरहवीं करते, लेकिन सब खत्म हो गया.’

हादसे के वक्त 50 मीटर तक बिखरे शव

1 अप्रैल 2025 को सुबह करीब 8 बजे बनासकांठा के डीसा में अवैध रूप से संचालित पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से विस्फोट हुआ. धमाका इतना जोरदार था कि मजदूरों के शरीर के अंग 50 मीटर दूर खेतों में बिखर गए. फायर ब्रिगेड को आग बुझाने में 5-6 घंटे लगे. अब तक 20 शव बरामद हुए हैं जिनमें 18 की पहचान हो चुकी है. इनमें 8 हरदा और 10 देवास के हैं. दो शव बुरी तरह जले होने के कारण डीएनए टेस्ट के लिए भेजे गए हैं. हादसे में 8 मजदूर घायल हैं. जिनमें 3 की हालत गंभीर है.

तेरहवीं के लिए गए लेकिन लाशें लौटीं

गीताबाई के परिवार में विष्णु (22), राजेश (25) और बिट्टू (15) सगे भाई थे. उनके अलावा बेटा-बेटी, पोते-पोतियां और भांजे-भांजियां भी इस हादसे का शिकार हुए. गीताबाई ने बताया ‘गुजरात से खबर आई कि हमारे घर के जो लोग काम करने गए थे. सभी शांत हो गए.’ संदलपुर के राकेश भोपा की भी पत्नी डाली बाई और बेटी किरण (7) मारी गईं. जबकि छोटी बेटी नैना (4) घायल है. राकेश की मां शांताबाई ने कहा ‘कर्ज चुकाने के लिए गया था, पिछले साल हरदा ब्लास्ट में बच गया था. लेकिन इस बार नहीं.’

साजिश या लापरवाही

पुलिस का कहना है कि फैक्ट्री मालिक खूबचंद सिंधी और उनके बेटे दीपक मोहनानी ने बिना लाइसेंस के सुतली बम बनाए और सप्लाई किए. गोदाम में सल्फर और नाइट्रेट का भारी भंडारण था. जहां मजदूरों के लिए रसोई भी थी. सुबह खाना बनाते वक्त शायद चिंगारी से विस्फोट हुआ. 12 मार्च को जांच हुई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. घटना के बाद दीपक फरार हो गया था. जिसे बाद में पालनपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

सहायता राशि की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता की घोषणा की. गुजरात सरकार ने 4 लाख और मध्य प्रदेश सरकार ने 2 लाख रुपये देने का ऐलान किया. हरदा विधायक डॉ. आरके दोगने ने अपनी निधि से 20-20 हजार रुपये देने की बात कही. मध्य प्रदेश से मंत्री नागर सिंह चौहान और अफसरों की टीम राहत कार्यों के लिए गुजरात पहुंची है.

‘धमाका हुआ और सब जल गया’

घायल मजदूर विजय ने बताया ‘हम काम कर रहे थे. तभी तेज धमाका हुआ. आंख खुली तो चारों तरफ आग थी. किसी तरह बाहर भागे.’ डीसा के सिविल अस्पताल में 3 गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमें एक 60% से ज्यादा जला है. यह हादसा न केवल लापरवाही की कहानी बयां करता है बल्कि गरीबी और मजबूरी में कमाने गए परिवारों के दर्द को भी उजागर करता है.

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