कुबेर डिंडोर ने कहा कि हमारी अगली पीढ़ी को पता होना चाहिए कि विधर्मियों ने हिंदू संस्कृति और विरासत को कैसे नष्ट करने की कोशिश की थी। हमें याद रखना चाहिए कि हमने जो खोया है, उसे हमें दोबारा प्राप्त करना है।
नई दिल्ली: गुजरात के गोधरा में शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि मुग़ल आक्रमणकारियों और अन्य बाहरी शक्तियों ने अतीत में हिंदू संस्कृति पर हमले किए, लेकिन यह संस्कृति अभी भी जीवित है। गुरुवार को आयोजित तीन दिवसीय ‘पंच महोत्सव’ के उद्घाटन समारोह में मंत्री ने जोर देकर कहा कि हिंदू समुदाय, जो आजकल विभिन्न संप्रदायों और क्षेत्रों में बंटा हुआ है, यदि एकजुट हो तो “जो हमने खोया है, उसे पूर्ण तरीके से प्राप्त किया जा सकता है”।
“अतीत में, विधर्मी आक्रमणकारियों ने इस क्षेत्र पर हमला किया था और मुगलों ने 13वीं से 17वीं शताब्दी तक यहां शासन किया था। बाबर से लेकर औरंगजेब तक, इन आक्रमणकारियों ने हिंदू सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन हमारी हिंदू संस्कृति अभी भी जिंदा है।” उन्होंने सनातन धर्म की मजबूती का उदाहरण देते हुए कहा कि सोमनाथ मंदिर को सात बार नष्ट किया गया, फिर भी यह आज भी हिंदू संस्कृति का प्रतीक बना हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत की खोई हुई सांस्कृतिक धरोहर को पुन प्राप्त करने के प्रयासों की सराहना करते हुए डिंडोर ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम भारत की खोई हुई विरासत को पूर्ण प्राप्त करने में सफल हो रहे हैं। पावागढ़ के महाकाली मंदिर पर अब धार्मिक ध्वज फहराया गया है, जो 500 वर्षों के बाद हुआ है।” उन्होंने बताया कि पावागढ़ मंदिर के पुनर्निर्माण पर 121 करोड़ रुपये खर्च किए गए और गुजरात सरकार के सहयोग से इस स्थान और आसपास के क्षेत्र का विकास किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि “हमारी संस्कृति को नष्ट करने की तमाम कोशिशों के बावजूद, हमारी विरासत आज भी मौजूद है। अगली पीढ़ी को हमें यह इतिहास बताना होगा, ताकि हमारी खोई हुई धरोहर को वे पूर्ण प्राप्त करने की प्रेरणा पाएं। हम वर्तमान में विभिन्न संप्रदायों और क्षेत्रों में विभाजित हैं, लेकिन अगर हम एकजुट होते हैं, तो हम वह सब कुछ वापस पा सकते हैं, जो हमने अतीत में खो दिया था।”
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