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गुजरात में महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.8 मापी गई तीव्रता

गुजरात के कुछ जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.8 मापी गई। सूत्रों के मुताबिक भूकंप का केंद्र बनासकांठा जिले के मुख्यालय पालनपुर से करीब 34 किलोमीटर दूर था।

Earthquake in Gujarat
  • February 13, 2025 6:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

गांधीनगर : गुजरात में गुरुवार (13 फरवरी) शाम करीब 4 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। वहीं, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई है। हालांकि, इससे किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। आपको बता दें कि कल उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.5 तीव्रता थी।

रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.8 मापी गई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात में भूकंप के झटके महसूस किए गए, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.8 मापी गई। जबकि, भूकंप का केंद्र उत्तरकाशी में ही जसपुर और मांडो के बीच वन क्षेत्र में जमीन की सतह से 5 किलोमीटर नीचे था। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। उत्तरकाशी पहाड़ी इलाका होने की वजह से यहां पहले भी भूकंप की घटनाएं हो चुकी हैं। फिलहाल प्रशासन ने हालात पर नजर रखने की बात कही है।

भूकंप के झटकों से क्या हुआ

गुजरात के विभिन्न इलाकों में इस भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय निवासियों में कुछ समय के लिए डर का माहौल बन गया। भूकंप के बाद इलाके में किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। यह भूकंप करीब 4 बजे आया, लेकिन इसके बावजूद राहत की बात यह रही कि कोई बड़ी घटना या जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।

उत्तरकाशी में भी हल्का भूकंप महसूस किया गया

गुजरात में भूकंप के झटकों के बाद 12 फरवरी को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भी हल्का भूकंप महसूस किया गया। उत्तरकाशी में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.5 मापी गई। इस भूकंप के झटकों से किसी नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया।

भुज में भूकंप ने मचाई थी तबाही

आपको बता दें कि, 26 जनवरी 2001 को गुजरात में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। जिसमें इस दौरान भुज और कच्छ में भारी तबाही मची थी। इस भूकंप के कारण जहां 10 हजार लोग मारे गए थे। वहीं, 26 जनवरी को ही 2 हजार शव बरामद किए गए थे। इनमें भुज के एक स्कूल के 400 बच्चे भी शामिल थे। इसके अलावा कई अस्पतालों को भी नुकसान पहुंचा था। इस कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई थी।

 

 

 

 

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