गुजरात की राजधानी गांधीनगर में किसानों को जब सरकार ने बकाया 39 करोड़ रुपए नहीं चुकाया तो किसान सीधा सरकारी दफ्तर का सभी सामान उठाकर ले गए. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये पैसे किसानों को उनकी सरकार द्वारा जबरन ली गई जमीन के मुआवजे के तौर पर मिलने हैं.
गांधीनगर. गुजरात के गांधीनगर में एक अजीब मामला देखने को मिला, जहां कोर्ट के एक आदेश के बाद किसान सरकारी दफ्तर का सारा समान उठाकर ले गए. क्योंकि सरकार ने किसानों को उनकी जमीन के मुआवजे के तौर पर मिलने वाले 39 करोड़ रुपए नहीं दिए. फिलहाल सारा सामान किसानों ने अपने कब्जे में ले रखा है, उनका कहना है कि जब सरकार बकाया देगी तो वे सभी सामान को वापस लौटा देंगे.
गौरतलब है कि यह सारा मामला जमीन संपादन को लेकर शुरू हुआ था. दरअसल दरअसल राजधानी गांधीनगर के विकास के लिए सरकार ने जमीन संपादन करना शुरू किया था. उस दौरान कुछ जमीनें किसानों की होने के बावजूद भी सरकारी बताकर उनसे जबरन ले ली गई थी. इस मामले में परेशान किसानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की सुनते हुए जबरन ली हुई जमीन के सरकारी रेट के मुताबिक मुआवजा देने का आदेश दिया. जिसके अनुसार सरकार को 39 करोड़ रुपये किसानों को देने थे.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने एक न सुनी. जिसके बाद आखिरकार किसानों ने जिला कोर्ट से प्रॉपर्टी सीज का आदेश लिया. कोर्ट से आदेश मिलते ही किसान सरकारी दफ्तर पहुंचे और सारा सरकारी सामान उठाकर ले गए. वहीं सरकारी अधिकारियों ने इस मामले में कहा कि अभी तक उनके पास ग्रांट नहीं आई जब आएगी तब किसानों को उनका बकाया दिया जाएगा. दूसरी ओर किसानों ने फिलहाल सभी सरकारी सामान अपने पास रखा है. पूरा बकाया मिलने पर उसे लौटाया जाएगा.
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