भक्तों के बड़ी खुशखबरी, माता वैष्णो देवी की मिनटों में कर पाएंगे दर्शन, जानें कैसे?

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए कटरा से भवन तक 13 किलोमीटर लंबे रोपवे के निर्माण की योजना बनाई है। यह रोपवे विशेष रूप से बुजुर्ग, महिलाएं और विकलांग लोगों के लिए वरदान साबित होगा, जो शारीरिक चुनौतियों के कारण माता के दर्शन से वंचित रह जाते हैं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने बताया कि इस परियोजना को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है।

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भक्तों के बड़ी खुशखबरी, माता वैष्णो देवी की मिनटों में कर पाएंगे दर्शन, जानें कैसे?

Yashika Jandwani

  • November 19, 2024 7:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 hours ago

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते है. वहीं अब देशभर में माता के भक्तों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है, जो उनकी वैष्णो देवी यात्रा को और आसान बना देगी। बता दें माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए कटरा से भवन तक 13 किलोमीटर लंबे रोपवे के निर्माण की योजना बनाई है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद घंटों का सफर मिनटों में तय किया जा सकेगा।

बुजुर्ग और विकलांगों के लिए राहत

यह रोपवे विशेष रूप से बुजुर्ग, महिलाएं और विकलांग लोगों के लिए वरदान साबित होगा, जो शारीरिक चुनौतियों के कारण माता के दर्शन से वंचित रह जाते हैं। अब तक यात्रा के लिए पैदल ट्रैक, बैटरी कार, पालकी, घोड़े-पिट्ठू और सीमित हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध थीं। लेकिन रोपवे के जरिए यात्रा अधिक सरल और सुरक्षित हो जाएगी।

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व्यापारियों के बीच मनमुटाव

रोपवे परियोजना को लेकर स्थानीय व्यापारियों के बीच कुछ समय से असंतोष की स्थिति बनी हुई थी। व्यापारियों को आशंका थी कि रोपवे बनने से उनके व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि श्राइन बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि परियोजना में सभी हितधारकों का ध्यान रखा जाएगा और व्यापारियों के हितों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

रोपवे किसका होगा फायदा

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने बताया कि इस परियोजना को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है। उन्होंने कहा यह रोपवे विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा, जो शारीरिक कारणों से पैदल यात्रा नहीं कर सकते है। यह महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए यात्रा को आसान और आरामदायक बनाएगा। इससे दर्शन करने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी की संभावना है.

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