Advertisement
  • होम
  • राज्य
  • मध्य प्रदेश: छत्तरपुर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल, मरीजों ने लगाए गंभीर आरोप, प्रशासन ने नकारा

मध्य प्रदेश: छत्तरपुर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल, मरीजों ने लगाए गंभीर आरोप, प्रशासन ने नकारा

त्तरपुर के चंदला के सरवई सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों का. इस अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों का आरोप है कि अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. मरीजों का आरोप है कि डॉक्टर मरीजों को देखे बिना निकल जाते हैं और कर्मचारी इलाज के लिए पैसों की मांग करते हैं. सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल

Advertisement
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल
  • February 18, 2018 4:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

छत्तरपुर. मध्य प्रदेश के छत्तीसगढ़ में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. सरकारी अस्पताल में मरीज बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे हैं ये कहना है छत्तरपुर के चंदला के सरवई सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों का. इस अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों का आरोप है कि अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. मरीजों का आरोप है कि डॉक्टर मरीजों को देखे बिना निकल जाते हैं और कर्मचारी इलाज के लिए पैसों की मांग करते हैं. मरीजों का आरोप है कि अस्पताल में बिजली कटने के बाद रोशनी के लिए मशाल और मोमबत्तियों का प्रयोग किया जाता है.

अस्पताल में अपने बच्चे का इलाज कराने आई महिला संगीता ने बताया कि वो दो दिन पहले इलाज के लिए आई थी, लेकिन दो दिन से उसके बच्चे को किसी डॉक्टर ने नहीं देखा है. महिला का आरोप है कि जब उसने अस्पताल कर्मचारियों से उसके बच्चे को डिस्चार्ज करने को कहा तो वो इसके बदले पैसों की मांग करने लगे. अस्पताल में भर्ती एक और मरीज के रिश्तेदार राम रतन अहिरवार का आरोप है कि उसने जब एबुलेंस के लिए कहा तो अस्पताल प्रशासन ने कहा कि उनके ड्राइवर को आपके पते का रास्ता नहीं मालूम है. जबकि उसने ही हमें अस्पताल में छोड़ा था. उसने हमसे 200 रुपए की मांग की थी, लेकिन हम गरीब लोग हैं, इतना पैसा उनको कहां से दें.

इन मरीजों के आरोपों की पुष्टि करते हुए अस्पताल में कार्यरत एक एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफरी) ने कहा कि सच में अस्पताल में सुविधाओं का अभाव है. किसी मरीज की हालत होने की स्थिति मे हमें उन्हें दूसरे अस्पतालों के लिए रेफर करना पड़ता है. साथ ही बिजली जाने की स्थिति में उन्हें मशाल और मोमबत्तियों से काम चलाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हम इस बारे में कई बार प्रशासन को लिख चुके हैं, लेकिन उनकी तरफ से कोई रिस्पोंस नहीं आया है. दूसरी ओर जिला स्वास्थ्य प्रशासन ने इन आरोपों के सिरे से खारिज किया है. छत्तरपुर जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में पावर सप्लाई की कोई दिक्कत नहीं है. साथ ही अस्पताल में मरीजों का पूरा ख्याल रखा जाता है.

वहीं इस मामले में चंदला विधायक आरडी प्रजापति का कहना है कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में कुपोषण के कारण अधिकतर मौत हुई हैं. उन्होंने कहा कि मैं मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की व्यवस्था करें. साथ ही पॉवर सप्लाई के लिए अस्पताल में बिजली आपूर्ति या जनरेटर की व्यवस्था करें.

झारखंड: जादू-टोने के शक में मां-बेटी को गंजा कराया, खिलाया मल-मूत्र, 11 लोग गिरफ्तार

Tags

Advertisement